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Air Pollution : WHO ने AQI गाइडलाइंस में किया संशोधन, दिल्ली समेत कई शहरों की बढ़ी टेंशन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पिछले 16 साल में पहली बार बीते बुधवार ( 22 सितंबर) को हवा की गुणवत्ता की गाइडलाइंस में संशोधन के बाद वायु सुरक्षा मानक कड़े हो गए हैं. पिछले वर्ष दिल्ली का PM2.5 औसत डब्ल्यूएचओ द्वारा नयी संशोधित वार्षिक सीमा से 17 गुना है. इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से हर साल दुनियाभर में 70 लाख लोगों की मौत हो रही है.Delhi Air Pollution: टेंशन बढ़ा रही दिल्ली की 'खराब हवा', ये है प्रदूषण  फैलने का सबसे बड़ा कारण! - Delhi air pollution air quality remains very  poor in delhi data says stubble burning up by 49 per cent in Punjab lbs -  AajTak

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की संशोधित गाइडलाइंस के कारण दिल्ली के लिए वैश्विक मानकों को पूरा करना कठिन हो गया है और इसके साथ ही विशेषज्ञों ने PM2.5 के भारतीय मानकों में भी संशोधन करने की इच्छा जताई है, जो फिलहाल 40 माइक्रोग्राम्स प्रति घन मीटर के डब्ल्यूएचओ की वार्षिक सीमा की तुलना में आठ गुना है

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जानें क्‍या हैं नई गाइडलाइंस
डब्ल्यूएचओ ने PM 2.5 की सुरक्षित सीमा को 10mg (माइक्रोग्राम) से घटाकर 5 mg किया है और PM10 के वार्षिक आसैत को 20 माइक्रोग्राम से 15mg प्रति घनमीटर किया है. जबकि ग्रीनपीस इंडिया की ओर से PM2.5 से संबंधित आंकड़े बताते हैं कि सर्वाधिक आबादी वाले 100 शहरों में से कम से कम 79 शहरों ने 2020 में डब्ल्यूएचओ के निवर्तमान PM2.5 वार्षिक मानक का उल्लंघन किया है. अब तो नये मानकों को पूरा कर पाना पहले की तुलना में अधिक कठिन होगा. आठ शहरों के आंकड़े मौजूद नहीं थे, लेकिन शेष 13 शहरों ने सुरक्षा सीमा का पालन कियाDelhi Air Pollution Level News: Delhi Air Quality Index (aqi) Delhi Is The  Most Polluted City In The Country Air Quality Index Recorded 476 - Delhi  Air Pollution Level:देश में दिल्ली का

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ग्रीनपीस के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में दिल्ली में PM2.5 का औसत मानक 87mg प्रति घन मीटर था, इसका अर्थ है कि यह डब्ल्यूएचओ के पूर्व के मानकों का करीब 8 गुना अधिक था. यदि डब्ल्यूएचओ के संशोधित मानकों की बात करें तो उसकी तुलना में दिल्ली का आंकड़ा 17 गुना, मुंबई आठ गुना, कोलकाता 9.4 गुना, चेन्नई 5.4 गुना, हैदराबाद 7 गुना और अहमदाबाद का 9.8 गुना होगा.

दुनिया के इन देशों पर भी पड़ेगा असर
वैश्विक स्तर पर नये मानकों के अनुरूप ढाका का औसत 15 गुना, जबकि लाहौर 16 गुना अधिक है. चीन के शहर -शंघाई और बीजिंग के आंकड़े क्रमश: 6 और 8 गुना अधिक हैं. इसके अलावा टोक्यो, दिल्ली, शंघाई, मेक्सिको सिटी, साओ पॉलो, न्यूयार्क, इस्ताम्बुल, बैंकाक, लंदन और जोहान्सबर्ग में वायु प्रदूषणसमयपूर्व हुई हैं. इतना ही नहीं वायु प्रदूषण के कारण जीडीपी में 14 प्रतिशत की क्षति का अनुमान लगाया गया है.

इस वजह से लोग गंवा रहे जान
इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पीएम 2.5 और  के कारण समय पूर्व मौतों का आंकलन करने पर ग्रीनपीसी इंडिया ने पाया कि राजधानी दिल्‍ली में 2020 में सर्वाधिक 57,000 मौतें पीएम 10 के साथ ओजोन, सल्‍फर डाई ऑक्‍साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्‍साइड और कार्बन मोनो ऑक्‍साइड की वजह से लगातार लोगों की मौत हो रही है. वहीं, डब्ल्यूएचओ ने दावा किया है कि पीएम 2.5 की वजह से 80 फीसदी मौत हो रही हैं.

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