बिहार का पंचायत चुनाव इस बार अलग रहने वाला है क्योकि जिस प्रकार की तैयारी निर्वाचन आयोग ने की है वो अब लोगो को गलत नहीं करने देगी. इस बार पंचायत चुनाव में मतदान के दिन बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा. लेकिन, अभी भी बिहार के 8 जिलों के 151 बूथ ऐसे हैं जहां न तो मोबाइल नेटवर्क काम करता है न ही इंटरनेट की कोई व्यवस्था है.
इन सभी बूथों को कम्युनिकेशन शैडो जोन घोषित किया गया है. ऐसे में इन सभी 151 बूथों पर मतदान के दिन समस्या आ सकती है. इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी शैडो जोन में तत्काल कम्युनिकेशन स्थापित करने का निर्देश दिया है. निर्वाचन आयोग के अनुसार वैसे सभी जगह जहां पर नेटवर्क की कोई व्यवस्था नहीं है वहां वैकल्पिक व्यवस्था कर वायरलेस सेट या सेटेलाइट फोन का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही बीएसएनएल की टीम के साथ भी बैठक कर नेटवर्क ठीक रखने का प्रयास किया जाएगा.
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इन जिलों को शैडो जोन में किया गया शामिल
बिहार पंचायत चुनाव को लेकर 8 जिलों के 151 बूथों को कम्युनिकेशन शैडो जोन घोषित किया गया है. जिन जिलों के बूथों को कम्युनिकेशन शैडो जोन में शामिल किया गया है उनमे रोहतास, कैमूर, किशनगंज, बांका, जमुई, पश्चिमी चंपारण, और गया शामिल हैं. इन सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि तत्काल वे सभी बूथों पर नेटवर्क स्थापित करने का इंतजाम करें.
इस बार सभी मतदाताओं का होगा बायोमेट्रिक सत्यापन
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को भेजे पत्र में स्पष्ट रूप से यह बताया है कि इस बार पंचायत चुनाव में मतदान के दिन बायोमेट्रिक और मतदाताओं के आधार नंबर के द्वारा सत्यापन किया जाएगा. इन सभी कार्यों के लिए सभी बूथों पर नेटवर्क का होना जरूरी है. यह पहली बार होगा जब वोटिंग के दौरान मतदाताओं की पहचान बायोमेट्रिक तरीके से की जाएगी.