Biscuits Cakes Crisps Increase Risk of Heart Attack: आप चाहे कितना भी हेल्दी खाना क्यों नहीं खाते लेकिन अगर इसके साथ आप बिस्कुट, स्नैक्स, कुरकुरे जैसी चीजें खाने की ज्यादा आदत है तो इससे कभी भी हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. यह बात हम नहीं बल्कि ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में कही गई है. इस अध्ययन के बाद ब्रिटिश सरकार खाने के मैन्यू से बिस्कुट, कैक जैसे स्नैक्स को निकालने की योजना बना रही है. लंदन के शोधकर्ताओं ने 850 से ज्यादा लोगों के खान-पान की आदतों पर अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. इस अध्ययन में पाया गया कि चार में से एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आर स्ट्रोक का खतरा ज्यादा था. ये लोग हेल्दी भोजन तो ले रहे थे लेकिन इसके साथ ही इन लोगों को चॉकलेट, क्रिस्प केक जैसे क्रिस्पी चीजों का खाने की आदत ज्यादा थी
ब्लड शुगर में भी इजाफा
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग जंक फूड का ज्यादा सेवन करते थे उनलोगों द्वारा ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में हेल्दी खाने का कोई फायदा नहीं मिला. इन पौष्टिक चीजों से जो उसे लाभ मिल रहा था वह जंक फूड खाकर बर्बाद कर लिया. इन लोगों में स्ट्रोक, हार्ट डिजीज और यहां तक कि मोटापे का खतरा भी ज्यादा बन रहा. इन लोगों में ब्लड शुगर भी ज्यादा पाया गया. अध्ययन में यह भी पाया गया कि जब तक आप नाश्ते में फ्रूट्स, नट्स और सीड्स लेते हैं तब तक यह पौष्टिक बना रहता है लेकिन अगर आप नाश्ते में जंक फूड लेंगे तो इससे कई तरह के नुकसान सामने आएंगे ही.
बहुत गहराई से किए गए विश्लेषण में यह पता लगाया गया कि आखिर एक ही तरह का खाना खाने के बावजूद क्यों कुछ लोग हमेशा बीमार रहते हैं. इसके लिए शोधकर्ताओं ने 854 लोगों के खान-पान पर कई दिनों तक बारीक नजर रखा. इनके हर समय के खाने को नोट किया. इन्होंने क्या-क्या खाया और कब-कब खाया, इसे भी नोट किया. 95 प्रतिशत लोगों ने नाश्ता लिया. यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशनिस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि 26 प्रतिशत लोग हेल्दी डाइट ले रहे थे लेकिन इससे उन्होंने नाश्ते में अनहेल्दी चीजें लेकर सारी पौष्टिकता को बर्बाद कर दिया. इन लोगों का स्वास्थ्य हमेशा खराब ही रहा. ज्यादातर लोगों ने नाश्ते में कुकीज, फ्रूट्स, नट्स, सीड्स, चीज, बटर, केक, पाइ और ग्रेनुला लिया. लेकिन जिन्होंने नाश्ते में सिर्फ बिस्कुट, केक, क्रिस्प नाश्ते का सेवन ज्यादा किया, उनमें ब्लड शुगर बढ़ गया. इससे हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ गया.