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तीसरे लॉकडाउन की संभावनाओं पर लग सकता है विराम ,सर्दियों में लग सकते हैं कुछ प्रतिबंध- विशेषज्ञ

तीसरे लॉकडाउन की संभावनाओं से सहमे लोगो के लिए अच्छी खबर हो सकती है, पूरी वैश्विक महामारी के दौरान प्रतिबंधों को लगाने की जरूरत कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के कारण थी. लेकिन व्यापक टीकाकरण अभियान के बाद अस्पताल में भर्ती होने की दरें घटी हैं. नवंबर 2020 में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी तब 31 अक्टूबर, 2020 को अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या 10,000 से भी कम थी. वर्तमान में यह संख्या भले ही 6,000 के करीब है लेकिन यह मई और जून में 1,000 मरीजों की तुलना में बहुत ज्यादा है.Lockdown In India Again? Know What Is Current Status Of Lockdown In All  States - लॉकडाउन न्यूज: क्या पूर्ण लॉकडाउन की तरफ देश बढ़ रहा है...जानें  क्या है राज्यों का हाल -

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तो क्या मौजूदा स्थिति को लॉकडाउन लगने की 60 प्रतिशत संभावना जताने वाला माना जा सकता है? कुछ मायनों में इसका जवाब हां है. अक्टूबर 2020 में स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े बोझ को गंभीर माना गया था जिससे कि लॉकडाउन लगाना पड़ा था.

क्या संपूर्ण लॉकडाउन पर किया जा रहा है विचार? केंद्र बोला- ऑप्शन पर मंथन  जारी - Corona second wave full national lockdown centre government in press  conference option discussed - AajTak

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पूर्ण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना नहीं
2020 की गर्मियों के लॉकडाउन और 2021 की गर्मियों के अंत के लॉकडाउन में अहम अंतर यह है कि टीकाकरण कार्यक्रम काफी सफल रहा है. इंग्लैंड में 16 से अधिक उम्र के 89 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक और 80 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिल चुकी है. लेकिन इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि ये टीके कितने वक्त तक सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं. बूस्टर कार्यक्रमों पर सरकार द्वारा अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है.

आने वाली सर्दियां अनिवार्य रूप से कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों के अधिक मामले लाएगी, और कोविड-19 के लिए अस्पतालों में भर्ती मरीजो की संख्या पहले से ही अधिक है. हालांकि, बड़े पैमाने पर टीकाकरण ने पूर्वानुमान बदल दिया है. अस्पताल में भर्ती होने में उतनी ही तेजी से वृद्धि होने की संभावना नहीं है जितनी पहले देखी गई थी. यदि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि जारी रहती है, तो सर्दियों में और अधिक मामूली प्रतिबंधों की वापसी संभव है, लेकिन एक पूर्ण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना नहीं है.कोरोना: लॉकडाउन पर असमंजस में मोदी, जान बचाएँ या अर्थव्यवस्था? - BBC News  हिंदी

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