नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का अचानक दिवंगत नेता रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए प्रेम उमड़ पड़ा है, सोमवार को मनरेगा मैन के नाम से मशहूर राजनेता रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली पुण्यतिथि है.
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उनकी पहली पुण्यतिथि को लेकर मुख्य कार्यक्रम मुजफ्फरपुर में है जिसमें शरीक होने के लिये तेजस्वी यादव भी गए हैं.
पटना से मुज्जफरपुर जाने से पहले तेजस्वी यादव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अपनी मांग को फिर से दुहराया है. तेजस्वी का कहना है कि राज्य सरकार रघुवंश बाबू और रामविलास पासवान जो कि बिहार के ही नहीं बल्कि देश के नामचीन राजनेताओं में से एक थे को सही सम्मान दे. तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार दिवंगत हो चुके इन दोनों ही नेताओं को सम्मान दे. इसके तहत इन दोनों के नाम पर राजकीय समारोह घोषित हो और साथ ही दोनों की प्रतिमा पटना में लगाई जाए.
रघुवंश प्रसाद सिंह की पुण्यतिथि से एक दिन पहले ही यानी रविवार को पटना में ही रामविलास पासवान की बरखी यानी पहली पुण्यतिथि मनाई गई है. इस समारोह में भी तेजस्वी यादव शामिल होने पहुंचे थे. इस मौके पर चिराग ने कहा था कि रामविलास पासवान दलितों के बड़े नेता थे. देश और राज्य के लोकप्रिय नेता रहे हैं. वर्षो तक कई लोगों ने उनके साथ काम किया है और सबके लिए उनके मन में समान विचार था. इसलिए जनता और आम आदमी उनको अधिक चाहती थी. वो पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को अपने बेटे के समान मानते थे
चिराग ने अपने दिवंगत पिता और रघुवंश प्रसाद सिंह की मूर्ति लगाने की तेजस्वी यादव की मांग पर कहा था कि हम लोग भी चाहते हैं कि उनकी मूर्ति लगे. जिन लोगों के लिए उन्होंने काम किया है, आगे आने वाले समय में लोग उनको जान सकें. उनके विचारों से प्रेरणा ले सकें.