जल्दी ही पूरी दिल्ली में पानी की किल्लत ख़त्म होने वाली है क्योकि लगातार केजरीवाल सरकार इस योजना पर काम कर रही है, दिल्ली सरकार पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है. दिल्ली की 1799 अनाधिकृत और अधिकृत कालोनियों में पानी की पाइपलाइन बिछाई का काम तेजी से चल रहा है. अब तक 1633 कालोनियों में पानी की पाइप लाइन बिछा दी गई है.
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली सरकार ना केवल दिल्ली वालों को केवल पानी मुहैया कराने की तैयारी में है बल्कि 24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति कराने की योजना पर भी तेजी से काम कर रही है. अभी सिर्फ दिल्ली के तीन एरिया में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति की जा रही है. दिल्ली की दो करोड़ से ज्यादा आबादी में से 12 फीसदी आबादी को फिलहाल 24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति हो रही है.
बताते चलें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति करने और 100 फीसदी पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने को लेकर चल रहे प्रोजेक्ट्स की दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग भी की थी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे में सुधार करते हुए यह भी सुनिश्चित करें कि हम दिल्ली में हर घर को 24 घंटे पानी की आपूर्ति समयबद्ध तरीके से कर सकें.
जल बोर्ड ने दावा- 24×7 प्रोजेक्ट पर तेजी से किया जा रहा काम
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) अधिकारियों की ओर से सीएम केजरीवाल को एक डिटेल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई है बोर्ड अधिकारियों ने अवगत कराया है कि दिल्ली के लोगों को नल से 24 घंटे साफ पानी की आपूर्ति के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है.
दिल्ली की 1799 में से 1633 कालोनियों में बिछाया पानी का नेटवर्क
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का यह भी कहना है कि कुल अनाधिकृत और अधिकृत 1799 कालोनियां हैं. इन सभी कालोनियों में पाइप लाइन से जलापूर्ति करने की कवायद चल रही है.
अधिकारियों ने बताया कि अभी 1799 में से 1633 कालोनियों में पानी का नेटवर्क बिछा दिया गया है, जबकि वर्तमान में 1573 कालोनियों में पाइप लाइन से जलापूर्ति की जा रही है. इसके अलावा, अभी जलापूर्ति के लिए 60 कालोनियां अधिसूचित की गई हैं, जबकि अभी 166 कालोनियों में पाइप लाइन का नेटवर्क बिछाया जाएगा.
फिलहाल इन तीन एरिया में हो रही है 24×7 जलापूर्ति
अधिकारियों ने बताया कि जल बोर्ड द्वारा मालवीय नगर, नांगलोई और महरौली-वसंत विहार जैसे कुछ क्षेत्रों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति पहले से ही उपलब्ध कराई जा रही है, जिन्हें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया था और यह 12 फीसदी आबादी को पूरा कर रहा है.