बढ़ती खुदरा महंगाई दर जिस प्रकार बढ़ी ,उसे सरकार ने भी माना की साल भर में 52 फीसदी महंगाई में बढ़ोतरी हुई है, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उच्च सदन में दिए लिखित जवाब में कहा, कोरोना महामारी के चलते खाद्य तेलों और दालों समेत जरूरी वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल की तरह ही इस बार जुलाई में मूंगफली तेल के खुदरा दामों में महीने के हिसाब से औसत 19.24 फीसदी का इजाफा हुआ। वहीं, सरसों के तेल 39.03 फीसदी, वनस्पति 46.01 फीसदी, सोया तेल 48.07 फीसदी, सूर्यमुखी तेल 51.62 फीसदी और पाम तेल 44.42 फीसदी महंगा हो गया।
ये आंकडे़ 27 जुलाई 2021 तक के हैं। अश्विनी चौबे ने कहा, खाद्य तेलों के दामों में कमी लाने के लिए 30 जून, 2021 से कच्चे पाल तेल पर शुल्क में पांच फीसदी की कटौती कर दी गई थी, जो इस साल 30 सितंबर तक लागू रहेगी।
खाद्य एवं उपभोक्ता राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में कहा, घरेलू उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने में असमर्थ है और कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।
उन्होंने कहा, खाद्य तेलों की कीमतें अन्य बातों के साथ-साथ मांग और आपूर्ति में असंतुलन, अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि, प्रतिकूल मौसम के कारण घरेलू उत्पादन में कमी, परिवहन लागत में वृद्धि, आपूर्ति टूटने से भी प्रभावित होती हैं
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