पिछले 5-6 दिनों से लगातार चर्चा का विषय रहा बक्सर जहां गंगा मे सैकड़ों लाशें बह के आने लगी थी अभी ये थमा नही था की गाजीपुर मे लाशों के ढेर लग गयें गाजीपुर. उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के गहमर और करण्डा थाना क्षेत्र के विभिन्न गंगा नदी घाटों के किनारे दो दिनों तक मिले शव अब दिखाई नहीं पड़ रहे हैं. जिले के गंगा घाटों और नदी में अब तक मिले कुल 123 शवों को देर रात तक दफना दिया गया है. इसके अलावा जमानिया के बरुईन, नई बस्ती, तलाशपुर मोड़, देवड़ी और करमहरी गांव के पास बैरियर लगाकर मार्ग सील कर दिया गया है. वहीं बिहार से आने वाले शवों पर रोक लगा दी गई है. पुलिस टीमें नाव से गंगा घाटों और नदी पर गश्त कर रही हैं
बता दें जल प्रवाह के कारण 10 मई को गहमर क्षेत्र के 3 गंगा घाटों पर दर्जनों शव मिले थे, जिन्हें स्थानीय प्रशासनिक टीम ने गंगा किनारे गड्ढा खोदकर दफना दिया है. जबकि करण्डा क्षेत्र की घाटों पर बड़ी संख्या में शवों के मिलने के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई थी. डीएम मंगल प्रसाद सिंह और एसपी ओम प्रकाश सिंह ने खुद कमान संभाली. बुधवार देर रात जेसीबी आदि की मदद से कुल 123 शवों को दफनाया गया.वहीं बिहार से सटे जिले के बॉर्डर पर पुकिस पिकेट को सतर्क कर दिया गया है. बिहार से आने वाले शवों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने सभी गंगा घाटों पर पुलिस की तैनाती कर दी है. जिससे लोग गंगा में शव को प्रवाहित न कर सकें. पुलिस की कई टीमें नाव से नदी की गश्त कर रही हैं और लाउडस्पीकर से लोगों को गंगा में शवों का जल प्रवाह न करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है.ग़ाज़ीपुर के डीएम एमपी सिंह और एसपी ओपी सिंह ने सभी गंगा घाटों और श्मशान घाटों का निरीक्षण किया और व्यवस्थापकों से शवों के जलाए जाने के सही हिसाब किताब रखने की हिदायत दी है. पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने गंगा में बहकर आते शवों की तत्काल सूचना प्रशासन को दिए जाने का निर्देश दिया है.इससे पूर्व 10 मई को ग़ाज़ीपुर के विभिन घाटों पर बड़ी संख्या में शव गंगा नदी में मिले थे. जिसके बाद गंगा किनारे रहने वाले ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी. जबकि प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई थी. मामले में प्रशासन हरकत में आया और मामले को जांच के टीम बनाई गई. प्रशासन की 4 टीमें लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग कर रही हैं जबकि जिले में कई टीमें गंगा नदी पर गश्त के जरिये निगरानी कर रही हैं.