समस्या यहीं नहीं ख़त्म हो रही है. एक अदद सरकारी मकान के लिए कभी भवन निर्माण मंत्री के यहां तो कभी विधान सभा सचिवालय के विधायक चक्कर काट रहे हैं लेकिन बावजूद इसके बंगले से अभी भी वो दूर हैं.
विधायकों की नाराज़गी जब बढ़ती गई तो बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने विधायकों को जल्द से जल्द आवास दिलाने के लिए मंगलवार को विधानसभा में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. अध्यक्ष भी विधायकों के आवास नहीं मिलने से इतने नाराज थे कि उन्होंने भवन निर्माण विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए और पूछा कि जब उन्होंने विधायकों के लिए बन रहे सरकारी भवन का निरीक्षण किया था और आदेश भी दिया था कि जल्द से जल्द विधायकों को उनका आवास मुहैया कराया जाए बावजूद इसके आवास अभी तक क्यों नहीं मिल पाया.
विधानसभा अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि आवासन योजना के तहत पटना में बन रहे सरकारी आवासों में 62 वैसे फ्लैट्स जिनमें बहुत कम काम ही बचा रह गया है जल्द से जल्द उसे पूरा करा कर विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराया जाए ताकि विधायकों को उनका आवास मुहैया कराया जा सके. दरअसल कई विधायक बंगला नहीं मिलने की वजह से किराए पर तो किसी होटल में या फिर अपने नाते-रिश्तेदारों के यहां रुके हुए हैं लेकिन उन्हें समस्या तब आती है जब उनके विधानसभा से बड़ी संख्या में वोटर आ जाते हैं. इसी बात की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष तक अपनी बात के तौर पर विधायकों ने पहुंचाई.
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष 04 जनवरी, 2021 को हुई बैठक तथा स्थल निरीक्षण के बाद इस दिशा में किसी तरह की प्रगति नहीं होने पर नाराज़गी जाहिर कर चुके थे. बैठक में ये भी तय हुआ कि विधान परिषद पुल के 30 आवास भवन निर्माण विभाग में ट्रांसफर किया जाएगा, साथ ही पटना के कंकड़बाग में बहादुरपुर के आवास बोर्ड के 10 फ्लैटों का साज सज्जा कर जल्द से जल्द कराया जाए. साथ ही दारोग़ा राय पथ में विधायक आवासों को सुसज्जित करने का निर्देश भी दिया गया. बैठक में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद थे.
बिहार में100 विधायक ऐसे जो बिना सरकारी मकान के पटना में जैसे-तैसे रह रहे हैं
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