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गुजरात में 6 नगर निकायों में भाजपा ने लहराया परचम, AAP की जबरदस्त एंट्री तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ

गुजरात के 6 नगर निकाय चुनाव में भाजपा अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही और शानदार बढ़त के साथ एक बार फिर से पूरे गुजरात में परचम लहराया है, लेकिन एक अच्छी बात यह भी रहे की भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष में अबकी बार कांग्रेस नहीं बल्कि लोगों ने विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी को चुना है,गुजरात निकाय चुनाव: BJP 47 सीटों पर जीती, कांग्रेस की बढ़ीं सीटें - gujarat municipal corporation polls result congress bjp modi tpt - AajTak दिल्ली मॉडल को गुजरात में उतारने का वादा कर गुजरात के राजनीति में जोरदार एंट्री लेते हुए आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीतकर गुजरात के राजनीति में मुख्य विपक्ष के तौर पर के उभरने से सत्ताधारी दल भाजपा दहशत में जरूर है क्यों किअगले ही साल गुजरात के विधानसभा चुनाव होने हैं ,गुजरात निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत, कांग्रेस बेदम, आप का दिखा दम, समझिए इसके मायनेजहां मुख्य विपक्ष के तौर पर फिर से आम आदमी पार्टी का सामना होने वाला है, मंगलवार को काउंटिंग पूरी होने पर सभी 6 मनपा यानी अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर में भाजपा को बहुमत मिल गया है। भाजपा ने 489 यानी 85% और कांग्रेस ने 46 यानी 8% सीटें जीती हैं, लेकिन चौंकाने वाले नतीजे अहमदाबाद और सूरत से आए। अहमदाबाद में ओवैसी की पार्टी AIMIM के 7 पार्षद जीते हैं। वहीं, सूरत में आम आदमी पार्टी के 27 पार्षद जीते हैं।arvind kejriwal aam aadmi party wins good number of seats in gujrat civic polls - गुजरात निकाय चुनाव: सूरत में AAP की धमाकेदार एंट्री, कांग्रेस को पछाड़ा; AIMIM का भी खाता खुला -

सूरत में कांग्रेस को जबर्दस्त झटका लगा है। यहां पाटीदार कार्ड खेलने के बावजूद सूरत मनपा से पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। सूरत की 120 सीटों में से भाजपा ने 97 पर जीत दर्ज की। वहीं, 27 सीटें जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने गुजरात में अपनी एंट्री दर्ज कराई है। गुजरात की 6 मनपा की कुल 576 सीटों पर 21 फरवरी को वोट डाले गए थे।

सूरत में कांग्रेस ने पाटीदार वोट बैंक को साधने के लिए हार्दिक पटेल को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी प्रमुख बनाया था। लेकिन, पाटीदार आरक्षण समिति के नेता हार्दिक के कांग्रेस ज्वाइन करते ही पाटीदारों में फूट पड़ गई। कांग्रेस ने जिन पाटीदार नेताओं को टिकट नहीं दिया, उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस का हार्दिक फॉर्मूला नाकाम कर दिया।गुजरात नगर निगम चुनाव के नतीजों से उत्साहित AAP, कहा- कांग्रेस को जनता ने नकारा

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पिछले चुनाव में भाजपा को सूरत मनपा की 80 सीटें मिली थीं, जो अब बढ़कर 97 हो गई हैं। वहीं, कांग्रेस ने 36 सीटें जीती थीं। यहां कांग्रेस की ऐसी हालत 1995 में भी हुई थी। उस दौरान हार का कारण 1992 में हुए बाबरी विध्वंस को माना गया था। उस चुनाव में भी कांग्रेस के सारे उम्मीदवार चुनाव हार गए थे। वहीं, 50 कांग्रेसी कैंडिडेट ऐसे थे, जिनकी जमानत जब्त हो गई थी। करीब 26 साल बाद कांग्रेस का सूरत मनपा से नामो-निशान मिट गया है।भाजपा और कांग्रेस ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस चुनाव को ज्यादा अहमियत दी थी। गृहमंत्री अमित शाह अपने पूरे परिवार के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे थे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने भी प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। भाजपा ने चुनाव में सबसे ज्यादा कैंडीडेट उतारे थे।

  • भाजपा- 577
  • कांग्रेस- 566
  • आप- 470
  • राकांपा- 91
  • अन्य पार्टियां- 353
  • निर्दलीय- 228

मोदी-शाह ने जनता का आभार जताया
गुजरात में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनाव परिणाम साफ तौर पर विकास और सुशासन की राजनीति के प्रति लोगों के अटूट विश्वास को दिखाते हैं। भाजपा पर फिर से भरोसा करने के लिए राज्य की जनता का आभारी हूं।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नतीजों से एक बात साबित हुई है कि गुजरात हमारी पार्टी का गढ़ है। भाजपा ने यहां 85% सीटों पर जीत हासिल की है।

केजरीवाल बोले- विधानसभा चुनाव भाजपा और AAP के बीच
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के लोगों ने काम की राजनीति को वोट दिया है। लोग भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से त्रस्त थे। लोगों को एक विकल्प चाहिए था और आम आदमी पार्टी के रूप में उनको यह विकल्प मिला है। अब आने वाला चुनाव सिर्फ आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच होगा।गांधीनगर और जूनागढ़ को छोड़कर इन 6 नगर निगमों का कार्यकाल पिछले साल दिसंबर में ही पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना की वजह से चुनाव नहीं हो पाए थे। इस वजह से निगम सरकार को भंग कर दिया गया था। म्युनिसिपल कमिश्नर ही निगम को चला रहे थे।अगले रविवार यानी 28 फरवरी को 31 जिला, 231 तालुका पंचायत और 81 नगर पालिकाओं में चुनाव होंगे।

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