पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने बजट 2021 को धोखेबाज बजट ठहराया है। उनका कहना है कि बजट में सभी वर्गों और क्षेत्रों के साथ धोखा हुआ। बजट में दिए गए आंकड़ें भी कुछ जगहों पर विरोधाभासी हैं। कांग्रेस ने विनिवेश पर तंज कसते हुए कहा कि बेच खाएंगे सब कुछ और छोड़ेंगे नहीं अब कुछ। चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने रक्षा बजट में एक रुपए की बढ़ोत्तरी नहीं की। ऐसे समय जब चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। सरकार की प्राथमिकता और उसकी खामी का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसने चर्चा तक नहीं की।
ऐसे समय जब देश का किसान सड़कों पर है। दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाल रहा हो, महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र के बजट में छह प्रतिशत की कटौती हुई है। सरकार ने पीएम सम्मान निधि की राशि में 13 प्रतिशत की कटौती कर दी है। खेती के साथ भी धोखा हुआ है।
चिदंबरम ने कहा कि बजट ने लघु और छोटे उद्योगों को बड़ा झटका दिया है। मार्केट इंटरवेंशन स्कीम को दो हजार करोड़ से घटाकर 15,700 करोड़ की घोषणा की है। चुटकी लेते हुए कहा कि ये वैसा ही जैसे एक भूखे हाथी की पेट की आग बुझाने के लिए उसे एक मुट्ठी घास दे दी जाए।
चिदंबरम ने कहा कि लॉकडाउन में जिन लाखों लोगों के रोजगार और रोजी रोटी छिन गई हैं उनके लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है। सरकार ने नौकरी पेशा लोगों को भी धोखा दिया है। जो उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी किसानों और आम लोगों के लिए क्रूरता है।
चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक बजट की घोषणा की लेकिन वह भी धोखे पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अगर वित्त आयोग और कॉस्ट ऑफ वैक्सिनेशन को निकाल दिया जाए तो यहां तक कि पेयजल और स्वच्छता का बजट भी स्वास्थ्य बजट में जोड़कर आंकड़ों की फेल जादूगर ने मायावी जादूगरी की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजकोषीय घाटा और वित्तीय घाटा लगभग 9.6 प्रतिशत तक पंहुच गया है ये निवेशकों के लिए और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। सरकारी खर्च में एक भी रुपए की बढ़ोत्तरी न करना जिससे अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों बढ़ते हैं वे प्राथमिकता से गायब हैं।
बैंकिंग सेक्टर को प्रमुख बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि सभी सरकारी बैंक जो देश के गरीबों की राहत का आधार हैं उन्हें तालाबंदी की एक ओर कोशिश की ओर अग्रसर किया जा रहा है। नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के लिए ये एक बड़ा धोखा है। बजट में इस क्षेत्र के लिए जो भी प्रावधान हैं केवल चंद अमीरों की मदद करेंगे।