अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में जो सियासत चरम पर है उसमें ममता और वहां के राज्यपाल धनखड़ जगदीप के बीच मतभेद बहुत बड़ी है! बंगाल की सियासत में जितना मतभेद टीएमसी और भाजपा में है इतना ही जगदीप धनखड़ में है जहां राज्य की सियासत ममता अपने हाथों में लेकर वह हर काम करना चाहती है जो उनके अधिकार में है उसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ की टोका टोकी ममता के बर्दाश्त से बाहर है! बीजेपी की एक के बाद एक रैलियों के बाद अब राज्य में सीएम ममता बनर्जी ने कमान संभाल ली है. बीरभूम के बोलपुर में पदयात्रा निकालने के बाद आज वो एक आदिवासी गांव पहुंची. जहां उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. यहां सीएम ममता ने अपने हाथों से स्थानीय लोगों के साथ खाना पकाया. साथ ही महिलाओं से गुफ्तगू भी की.
वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य की सीएम ममता बनर्जी के बीच मतभेद की खबर कोई नई नहीं है. लेकिन अब ये मामला राष्ट्रपति के पास तक पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ को तत्काल हटाने की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक, टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन भेज कहा कि राज्यपाल धनखड़ संविधान की रक्षा करने और संरक्षण में असफल रहे हैं, ऐसे में उनको तत्काल प्रभाव से हटाकर पश्चिम बंगाल में नए राज्यपाल की नियुक्ति की जाए. इस ज्ञापन पर टीएमसी के कई और सांसदों के हस्ताक्षर हैं!
उधर, सीएम और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी बीरभूम में प्रचार करने पहुंची है. खास बात ये है कि बीरभूम में ही कुछ दिनों पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रोड शो किया था. साथ ही इस दौरान शाह ने बाउल संप्रदाय के जिस शख्स के घर खाना खाया था वो ममता बनर्जी के कार्यक्रम में भी शामिल हुआ है. बता दें कि बंगाल में मई 2021 में विधानसभा का चुनाव होना है. उससे पहले टीएमसी और बीजेपी में राजनीतिक तकरार बढ़ती जा रही है.