साल 2020 खत्म होने को है, इस साल कोरोना वायरस ने ऐसा तहलका मचाया था कि पूरी दुनिया हैरान रह गई थी. इस बीच कोरोना काल के दौरान साल 2020 में एक ऐसी चीज हुई थी, जिसे देखकर भारत के तीर्थ पुरोहित भी हैरान रह गए थे. तीर्थ-पुरोहितों ने इसे देश के लिए बड़ा शुभ संकेत माना था.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते बदरीनाथ धाम को भी बंद कर दिया गया था. संक्रमण के कारण बदरीनाथ धाम के कपाट एक महीने की देरी से खुले थे. 15 मई को सुबह 4.30 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. इस दौरान ही एक चीज हुई थी, जो किसी चमत्कार से कम नहीं थी.
तब बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया था कि कपाट बंद होने के दिन भगवान बदरीनाथ की प्रतिमा को धृत कंबल यानि घी का लेप लगाकर ऊन के कंबल से ढका था. इसके बाद जब धाम का कपाट खुलता है और बदरीनारायण की प्रतिमा पर घी यथावत रहता है तो उसे शुभ माना जाता है.
जब इस साल कोरोना काल के बाद धाम के कपाट खोले गए थे तो बदरीनारायण भगवान की प्रतिमा पर घी वैसे ही मौजूद था. धर्माधिकारी का कहना था कि इससे पहले बहुत कम बार ऐसा हुआ था. कई सालों में एक बार ही ऐसी घटना होती है. उन्होंने कहा था कि इतनी बर्फबारी के बाद और बाहर ठंड होने के बाद भी यदि घी नहीं सूखता तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बाद जब धाम के कपाट खोले गए थे तो 11 लोग अखंड ज्योति के साक्षी बने थे. तब उस वक्त पूरे मंदिर परिसर में मात्र 28 लोग ही मौजूद थे. लॉकडाउन की वजह से धाम के कपाट काफी सादगी से खुले थे, लेकिन धाम में रौनक कम नहीं थी. बदरीनाथ मंदिर को चारों ओर करीब 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया था. कपाट खुलने से पहले पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया था.