TMC सरकार में लगातार बगावती तेवर दिखा रहे ममता बनर्जी और टीएमसी का कुनबा अब एक-एक कर अलग होते जा रहे हैं संगठन से नाराज और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से नाराजगी धीरे धीरे तमाम विधायकों को टीएमसी से अलग करते जा रही है ! यह बहुत ही खराब संकेत है ममता बनर्जी सरकार के लिए , चुकी बंगाल की राजनीति में जिस प्रकार भाजपा की एंट्री हुई है वह टीएमसी को सोचने पर मजबूर कर दी है, अपनी नींव हिलते ममता बनर्जी को खुद दिखाई दे रहा है !लगातार सेंध मारती भाजपा अपना कुनबा बढ़ाने में लगा हुआ है! सांप्रदायिक तरीके से लोगों को उकसा कर और बंगाल की राजनीति में अपनी अहम भागीदारी निभाते भाजपा की जड़े अब धीरे-धीरे मजबूत होते जा रही हैं! शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। अधिकारी पहले ही राज्य में परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुईं!
शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा को भी हाल ही में बढ़ाकर जेड प्लस कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार उन पर खतरे की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। सुरक्षा बढ़ने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने बीते दिनों मेदिनीपुर में आयोजित एक रैली में कहा था कि हाल के दिनों में उनके ऊपर 11 बार हमले किए गए हैं।
उधर, अधिकारी के इस्तीफे पर भाजपा के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा है कि जिस दिन उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देते हैं तो मुझे खुशी होगी और हम उनका स्वागत करेंगे। आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके निर्णय का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ताश के पत्तों के घर की तरह ढह रही है। रोज उनकी पार्टी से कोई नेता हमारी पार्टी में शामिल होने आ जाता है।
इससे पहले मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी ने स्थानीय और बाहरी लोगों के संबंध में चल रही बहस को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बाहरी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि वह पहले भारतीय हैं और फिर बंगाली हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की भी आलोचना करते हुए कहा था कि वह लोगों की अपेक्षा पार्टी को अधिक महत्व दे रहा है।
अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए आसार गड़बड़ नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बंगाल भाजपा भी कहती रही है कि तृणमूल के असंतुष्ट नेताओं के लिए उसके दरवाजे खुले हैं।
उधर, शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के अकेले नेता नहीं हैं जिन्होंने बागी तेवर अपनाए हैं। पार्टी के ही एक और विधायक ने भी ऐसे संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं। आसनसोल से विधायक और शहर के मेयर रह चुके जितेंद्र तिवारी ने राज्य की ममता सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा जितेंद्र तिवारी ने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक के लिए मना कर दिया है। उन्होंने कहा कहा है कि वो सिर्फ ममता बनर्जी से ही बात करेंगे। जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया है कि महज राजनीति के चलते राज्य सरकार आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है।
बीते दिनों ही ममता बनर्जी ने ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि विपक्ष के संपर्क में रहने वाले तृणमूल नेता पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कोई नाम नहीं लिया था, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनका इशारा शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के खिलाफ बोलने वाले कुछ अन्य विधायकों की ओर था।