नई दिल्ली: हमास के अटैक के बाद इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है. दोनों ओर से ताबड़तोड़ रॉकेट की बरसात हो रही है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें जा रही हैं. हमास के खिलाफ केवल इजरायल की सेना ही नहीं, बल्कि जंग के मैदान में इजरायल के कुछ वफादार और खूंखार कुत्ते भी डटे हैं, जो आम लोगों की जान बचा रहे हैं. दरअसल, इजरायल की मिलिट्री कैनाइन यूनिट ‘ओकेट्ज’ में कुछ ऐसे ‘सुपरडॉग’ हैं, जो युद्ध की शुरुआत से ही हमास के खिलाफ जंग के मैदान में हैं. इजरायल डिफेंस फोर्सेस के स्पेशल यूनिट ओकेट्ज ने अब तक लगभग 200 इजरायली नागरिकों की जान बचाई है और 10 हमास आतंकवादियों को मारने में भी मदद की है. तो चलिए जानते हैं कि क्या है इजरायली सेना की यह स्पेशल यूनिट ओकेट्ज.
दरअसल, ओकेट्ज यूनिट इंसानों की नहीं है, बल्कि इस यूनिट में इजरायल के कुछ वफादार कुत्ते शामिल हैं, जिसे इजरायली सेना की कैनाइन या के-9 यूनिट भी कहा जाता है. जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, इजरायल की सैन्य कैनाइन यूनिट ‘ओकेट्ज’ इजरायल-फिलिस्तीन जंग के दौरान हाई रिस्क वाले ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इस यूनिट के कुत्ते न केवल शातिर होते हैं, बल्कि दुश्मनों के लिए काल भी साबित होते हैं. दावा है कि इस यूनिट के दिलेर कुत्तों ने करीब 200 से अधिक नागरिकों को बचाया है और 10 हमास आतंकवादियों को मारने में भी मदद की है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन बहादुर कुत्तों को गाजा पट्टी के पास कई जगहों पर तैनात किया गया है, जहां हमास के आतंकवादियों ने हमला किया था. युद्ध के दौरान कई कुत्तों की भी जान गई है. आईडीएफ यानी इजरायली डिफेंस फोर्सेस के एक प्रवक्ता की मानें तो K-9s ने बंधकों को छुड़ाने और लोगों को बचाने में मदद की है. इतना ही नहीं, चार पैरों वाले इन जानवरों ने उन आतंकवादियों को खत्म करने में भी मदद की, जिन्होंने लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया था
बेजुबानों ने बचाई 200 लोगों की जान
फॉक्स न्यूज के अनुसार, इजरायली डिफेंस फोर्ससे की कैनाइन टीम ओकेट्ज़ ने गाजा पट्टी के नजदीक के इलाकों में 200 इजरायलियों को गोलीबारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यहां तक कि किबुत्ज बेरी में हमास के 10 आतंकवादी भी कुत्तों की वजह से मारे गए. इजरायली सेना ने गाजा के आसपास वाले इलाके में इन कुत्तों को इसलिए तैनात किया था, ताकि हमास के हमले के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में आसानी हो और इजरायलियों को बचाया जा सके.
क्या है ओकेट्ज यूनिट और क्या है काम
इजरायली सेना की कैनाइन यूनिट ओकेट्ज का हिब्रू में अर्थ है स्टिंग. स्टिंग का अर्थ होता है खोजना. यह यूनिट आतंकवाद विरोधी, खोज और बचाव और अन्य विशेष कार्यों के संचालन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों का उपयोग करती है. इस यूनिट की स्थापना 1970 के दशक की शुरुआत में इजरायल में हुई आतंकवादी घटनाओं की श्रृंखला के मद्देनजर 1974 में सिरकिन बेस में की गई थी. इसमें पहले 11 सैनिक थे. आईडीएफ वेबसाइट के अनुसार, हर कुत्ते को हमला करने, सर्च एंड रेस्क्यू ऑररेशन चलाने, हथियारों का पता लगाने और विस्फोटकों का पता लगाने के लिए ट्रेंड किया जाता है. इस टीम ने 1970 और 1980 के दशक के दौरान 1988 तक पूरी गोपनीयता से काम करते हुए विभिन्न अभियानों में भाग लिया
जंग में कितने इजरायली मारे गए
बता दें कि 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायल-हमास जंग में दोनों पक्षों के 4,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, 1,400 से अधिक इजरायली मारे गए हैं और बच्चों सहित कम से कम 199 अन्य को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने पकड़ लिया है. वहीं, अमेरिकी युद्धपोतों द्वारा समर्थित इजरायली सेना ने खुद को गाजा की सीमा पर तैनात किया और आतंकवादी समूह को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान चला रही है.