नए कृषि कानून के मसले पर सरकार से लगातार जद्दोजहद करने के बाद जब किसानों की बात नहीं बनी तो आखिरकार किसान यूनियन ने सरकार को छोड़ सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास जताना उचित समझा,भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है! किसान को यह भरोसा है कि सरकार से बात नहीं बनने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का ही भरोसा है ,कृषि कानून के मसले पर अब सड़क के अलावा कानूनी लड़ाई भी सरकार से कोर्ट में लड़ी जाएगी, द्विपक्षीय लड़ाई केआरपार के मूड में किसान सड़क से लेकर कोर्ट तक में सरकार को झुकने के लिए मजबूर करने की तैयारी कर चुके हैं !
किसान संगठनों ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया है कि वो कानून वापस होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई तेज़ करेंगे. दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने, संशोधन प्रस्ताव पर बात करने की मांग की है. सरकार अब MSP, मंडी सिस्टम पर लिखित गारंटी देने को तैयार होती दिख रही है.
कानून वापस ना होते देख किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने को कहा है. किसान संगठनों का आह्वान है कि दिल्ली आने वाले रास्तों को बंद किया जाएगा, देश के सभी नाको को टोल फ्री किया जाएगा. सड़कें जाम करने के अलावा अब रेल ट्रैक को भी बंद किया जाएगा.
• सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठे किसानों पर महामारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है.
• हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जबतक MSP बनी हुई है वो सत्ता में बने रहेंगे, अगर MSP को कुछ होता है तो वो सरकार छोड़ देंगे.
• बीते दिन ही पीएम मोदी ने संसद भवन की नींव रखते हुए गुरु नानक देव की सीख का उदाहरण दिया और कहा कि जबतक दुनिया है, संवाद चलते रहना चाहिए. पीएम के इस कथन को सरकार और किसानों के बीच रुकी बातचीत से जोड़ा जा रहा है.