नए कृषि कानून के विरोध में 8 दिसंबर को भारत बंद के बाद किसान अपनी मांग पर अडे हुए हैं और आंदोलन को तेज करने की धमकी दे चुके हैं किसानों का सीधा कहना है कि सरकार तीनों कानून या तो रद्द करें या MSP पर नए बिल लाए , हम इन बिल के समझौते पर तैयार नहीं है सरकार घूम फिर कर हमें अपने बातों पर तैयार करने की कोशिश कर रही है लेकिन हम जब आंदोलन पर डट चुके हैं तो हम पीछे नहीं हटेंगे सरकार को हमारी बात माननी होगी या अब यह आंदोलन और तेज होगा ! नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है। किसानों को मनाने के लिए 6 राउंड बातचीत के बाद सरकार की लिखित कोशिश भी बुधवार को नाकाम हो गई। किसान अब आंदोलन तेज करने में जुटे हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार का इंटरेस्ट सिर्फ विरोध खत्म करवाने में है। लेकिन, आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे, जब तक कि तीनों कानूनों वापस नहीं ले लिए जाएं। टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अलग से बिल लाने की मांग भी की है।
किसान देशभर में हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह ने कहा है कि सरकार हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। लेकिन, इसमें शामिल होने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हम दिल्ली के लोगों से भी सपोर्ट की अपील कर रहे हैं।
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज किसानों से आंदोलन खत्म करने और साथ मिलकर हल निकालने की अपील करेंगे। कृषि मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।
सरकार ने कृषि कानूनों में बदलाव करने समेत 22 पेज का प्रपोजल बुधवार को किसानों को भेजा था, लेकिन बात बनने की बजाय ज्यादा बिगड़ गई। किसानों ने सरकारी कागज को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि अब जयपुर-दिल्ली और आगरा-दिल्ली हाईवे समेत तमाम नेशनल हाईवे जाम किए जाएंगे। अंबानी, अडानी के प्रोडक्ट का बायकॉट और भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा। इस बीच सरकार के दूसरे प्रस्ताव का भी इंतजार रहेगा।