पांचवें दौर की वार्ता रद्द हो गई लेकिन आज सरकार किसानों को एक लिखित प्रस्ताव देगी जिसमें कुछ की मांगों को माना जा सकता है और तीन बड़े कृषि कानून पर संशोधनों के लिए राजी हो गए हैं ,अब सरकार की इन बातों को किसान संगठन मानता है कि नहीं मानता अब यह देखने वाली बात आज के मीटिंग में होगी, क्योंकि आज एक महत्वपूर्ण बैठक फिर से किसानों का सिंधु बॉर्डर पर होने जा रहा है लेकिन इस कानूनी दांवपेच में फिर से आज सरकार और किसानों के बीच में एक वार्ता होगी जहां 3 बड़े कानूनों पर संशोधन की बात सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन जहां तक जानकारी है कि किसान संशोधनों पर राजी नहीं है वह इन कानूनों को रद्द करने की मांग पर पड़े हुए हैं अब सारी जिम्मेवारी है शाह पर आकर खत्म होती है जहां सब के सब पर देखना होगा की किसान मानते हैं या उनका आंदोलन यूं ही जारी रहता है ! कृषि कानून के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर धरना पिछले दो हफ्तों से जारी है. मंगलवार को भारत बंद बुलाया गया, जिसे राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया. लेकिन शाम होते-होते तस्वीर बदलती दिखी, किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. कई घंटों तक चली इस बैठक में किसानों की मांग पर बात हुई और सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे. हालांकि, सरकार कानून में कुछ संशोधन करने पर राजी होती दिख रही है,
भारत बंद की मियाद खत्म होने के तुरंत बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी कि शाम को गृह मंत्री अमित शाह कुछ किसान नेताओं से मिलेंगे. शाम सात बजे बैठक का वक्त तय हुआ, लेकिन जगह को लेकर कन्फ्यूजन के कारण मीटिंग देरी से शुरू हुई. देर रात तक चली बैठक के बाद जब किसान नेता बाहर आए तो पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिखे.
किसान नेताओं के मुताबिक, सरकार कृषि कानून वापस ना लेने पर अड़ी है और संशोधनों के साथ लिखित प्रस्ताव देने की बात कह रही है. बुधवार को ही सरकार प्रस्ताव देगी, जिसपर किसान मंथन करेंगे.
किन संशोधनों पर मान रही है सरकार?
किसानों की ओर से कृषि कानून में काफी खामियां गिनाई गईं और कहा गया कि सभी कानूनों को वापस लिया जाए. हालांकि, अब सरकार ने जब ये साफ कर दिया है कि वो कानून वापस नहीं लेगी, ऐसे में किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है.
• कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है.
• प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मान सकती है.
• इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है.
• किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है.