हैदराबाद निकाय चुनाव में 146 सीटों में तमाम पार्टियों के कमोबेश बेहतर प्रदर्शन रहे अगर टीआरएस को देखा जाए तो वह सत्ताधारी पार्टी निकाय चुनाव में भी बन पाई वही ओवैसी और टीआरएस के गढ़ में भाजपा की भी अच्छी जीत दर्ज हुई लेकिन देश से धीरे धीरे सिमट रहे कांग्रेस, आज हैदराबाद निकाय चुनाव में 146 सीटों में से सिर्फ 2 ही सीटें जीत पाई अगर टीडीपी की बात करें तो 146 सीटों में उसका खाता भी नहीं खुल पाया, जबकि दोनों ही पार्टियों के 100 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े थे !इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 49 सीटों पर कब्जा जमा लिया. हालांकि एक ओर भगवा पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा तो कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के लिए हार इसलिए शर्मनाक रही क्योंकि इन दोनों दलों ने नगर निगम के चुनाव में 100 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन सिर्फ 2 सीट पर ही कब्जा जमा सके. ये दोनों जीत कांग्रेस के खाते में गई.
बीजेपी के साथ ज्यादातर चुनावों में मात खाने वाली कांग्रेस ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी हार गई. कांग्रेस ने निगम की 150 सीटों में से 146 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और सिर्फ 2 ही जीत अपने नाम कर सके.
कांग्रेस से ज्यादा तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की स्थिति खराब रही क्योंकि इसने 106 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा और एक भी उम्मीदवार जीत कर पार्टी के लिए खाता खोल पाने में नाकाम रहा.
अब बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की जिसने नगर निगम में 149 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और जीत के लिए पार्टी ने केंद्रीय नेतृत्व को प्रचार के लिए उतार दिया. इस दांव का असर भी दिखा और उसके खाते में 48 सीट चली गई. चुनाव में एआईएमआईएम तीसरे स्थान पर खिसक गई.
2016 के नगर निगम चुनाव में 3 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने 12 गुना बेहतर प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर कब्जा जमा लिया है. बीजेपी ने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. 2016 के चुनाव में बीजेपी का टीडीपी के साथ गठबंधन था. हालांकि 2009 के चुनाव में बीजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ा और 44 में जीत हासिल हुई. जबकि तेलंगाना राज्य में सत्तारुढ़ टीआरएस को 56 सीटों पर जीत मिली. और केसीआर की पार्टी ने सभी 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.
अगर 2016 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव पर नजर डालें तो तब टीआरएस ने 150 सीटों में से 99 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 में जीत हासिल हुई थी. हालांकि उस समय भी कांग्रेस को महज दो सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर केसीआर और ओवैसी की पार्टी ने कब्जा जमाया था.