बिहार में एनडीए को बहुमत वाला नंबर तो मिल गया लेकिन नीतीश कुमार को सीएम बनाए जाने को लेकर हर कोई निशाना साध रहा है. स्थानीय बीजेपी नेताओं के बाद अब आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा नीतीश कुमार को फिर से सीएम बनाने को लेकर ऐतराज जाहिर कर रहे हैं. रविवार को मीडिया से बात करते हुए मनोज झा ने कहा कि कोई शख्स महज 40 सीट पाकर मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है. क्योंकि लोगों का जनादेश उनके खिलाफ गया है. उन्होंने प्रदेश को बर्बाद किया है. उन्हें इसपर विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बिहार अपना स्वाभाविक विकल्प ढूंढ़ लेगा. इस प्रकिया में सप्ताह, दस दिन या एक महीने का समय लग सकता है लेकिन ऐसा होगा.
वहीं रविवार को प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज है. बीजेपी और जेडीयू के सभी नवनिर्वाचित विधायकों की अलग-अलग बैठक के बाद एनडीए विधायकों की बैठक हुई है. नीतीश कुमार को एनडीए का नेता चुन लिया गया है. यानी एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री होंगे. इसके साथ ही सुशील मोदी को विधानमंडल दल का नेता चुना गया है. माना जा रहा है कि एक बार फिर दोनों की जोड़ी बिहार पर शासन करेगी.
बिहार चुनाव की गिनती को लेकर महागठबंधन की पार्टियों ने वोटों की गिनती में धांधली का आरोप लगाया और चुनाव आयोग का रुख किया. हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों से इनकार कर दिया. वोटों की गिनती की धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरेआम प्रजातंत्र की हत्या हो रही है और जनमत का अपहरण हो रहा है. उधर, वोटिंग के दौरान भाकपा माले ने तीन सीटों पर फिर से गिनती कराने की मांग को लेकर चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा.
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर शरद पवार ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे जो भी हों लेकिन यह तो साफ है कि बिहार में परिवर्तन हो रहा है. बिहार चुनाव तेजस्वी बनाम बीजेपी था. तेजस्वी अकेले थे और उनके खिलाफ सारे अनुभवी नेता एकजुट थे. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में खुद प्रधानमंत्री मोदी काफी दिलचस्पी ले रहे थे.
एक तरफ कम अनुभव वाले तेजस्वी थे तो दूसरी तरफ गुजरात के सीएम और फिर पीएम बने नरेंद्र मोदी थे. नीतीश कुमार भी दो तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं और केंद्र में भी मंत्रालय संभाला है. इनके सामने एक युवा था जो पहली बार चुनाव लड़ रहा है. ऐसे में तेजस्वी को जितनी भी सीटेें मिले काफी हैं. यह युवा पीढ़ी के नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.