बक्सर में पूर्व डीजीपी, पूर्व हवलदार, सिपाही के बेटे और एक बाहुबली की सियासत की चर्चा हर तरफ चल रही है. कांग्रेस के बाहुबली मुन्ना तिवारी और मार्क्सवादी पार्टी की एंट्री ने बक्सर के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.
BJP-JDU गठबंधन ने बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की जगह पुलिस के पूर्व हवलदार परशुराम चतुर्वेदी को बक्सर विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के आशीर्वाद और VIP पार्टी के नेताओं के साथ परशुराम चतुर्वेदी मल्लाहों की बस्ती में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
बीजेपी उम्मीदवार परशुराम चतुर्वेदी ने कहा कि ”मैं हमेशा उनको बड़ा भाई मानता हूं. पैर छूकर प्रणाम करता हूं. मुझे बहुत आशीर्वाद मिला.”
उधर पूर्व हवलदार को बक्सर के बाहुबली मुन्ना तिवारी से कड़ी टक्कर मिल रही है.पिछली बार बीजेपी के परंपरागत ब्राह्मण वोटरों में सेंध लगाकर मुन्ना तिवारी ने 11 हजार वोटों से बक्सर विधानसभा में कांग्रेस की ओर से जीत का परचम लहराया था. कांग्रेस उम्मीदवार मुन्ना तिवारी कहते हैं कि ”कार्यकर्ताओं के लिए लड़ता हूं तो मैं बाहुबली हो गया.”
लेकिन बक्सर जिले की चार विधानसभा सीटों में से एक पर महागठबंधन की ओर से भाकपा माले के उम्मीदवार अजीत चौधरी भी मैदान में हैं. बक्सर के कन्हैया कुमार कहे जाने वाले 34 साल के अजीत चौधरी सिपाही के बेटे हैं और पहले कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ रहे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में फिर से लाल झंडा लहराने के लिए पसीना बहा रहे हैं. अजीत चौधरी ने कहा कि ”RJD से हमारी प्रतिस्पर्धा थी लेकिन आज RSS के साथ हमारी दुश्मनी है. इसी के चलते हम एक साथ आए.” हैं.
बक्सर की चार विधानसभा सीटों में पिछली बार दो JDU के खाते में गई थीं एक कांग्रेस और एक RJD को. लेकिन इस बार बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों के चलते सियासी समीकरण में उलटफेर होने की संभावना है.