इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना
नई दिल्ली, –9/11 USA Terror Attack: आज से 19 वर्ष पहले ग्यारह सितंबर 2001 को अमेरिका का सामना इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना से हुआ था, जिसमें तीन हजार लोगों की जान गई थी। यह हमला अमेरिका में न्यूयार्क के प्रसिद्ध वर्ल्ड ट्रेड सेंटर समेत चार महत्वपूर्ण जगहों पर हुआ था। इस हमले में केवल अमेरिका ही बल्कि दुनिया भर के नागरिक इस हमले में मारे गए। माना जाता है कि अमेरिका पर ये हमला कर अल कायदा के कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन ने खुद अपने डेथ वारंट पर साइन कर दिया था। उसके बाद ओसामा दुनिया में मारा-मारा फिरता रहा। यही से ओसामा के मारे जाने की कहानी शुरू हुई थी।
कुछ सेकेंडों में बहुमंजिला इमारत राख में तब्दील
अमेरिका जैसे महाशक्ति देश पर हुए अलकायदा के इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी थी। कुख्यात आतंकी संगठन ने अमेरिका में एक के बाद एक चंद मिनटों में चार ठिकानों पर हमले किए थे। इन हमलों को विमान हाईजैक के जरिए अंजाम दिया गया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) पर जैसे ही विमान टकराया, कुछ सेकेंडों में ये बहुमंजिला इमारत राख के ढेर में तब्दील हो गई। इन हमलों से अमेरिका को आर्थिक स्तर पर बड़ा झटका लगा।
हमले से थर्रा उठी दुनिया
हर रोज से अलग ये सुबह हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज होने वाली थी। आतंकी संगठन अलकायदा ने चार अमेरिकी विमानों का अपहरण कर दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर से टकराए, तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन और चौथा विमान पेंसिलवेनिया के खेतों में गिराया। इस हमले ने पूरी दुनिया को सख्ती के साथ आतंकी और उसके सरगनाओं से निपटने की चुनौती पेश की। इसके बाद अमेरिका ने अपनी सीमाओं को इस हद तक मजबूत किया कि कोई भी आतंकी संगठन इस शक्तिशाली देश के ऊपर आंख उठा कर देखने का दुस्साहस नहीं कर सका।
अरबों डॉलर हुए राख
अमेरिका को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में नष्ट हुई कलाकृतियों की कीमत 10 करोड़ डॉलर थी। डब्ल्यूटीसी से करीब 18 लाख टन मलबा हटाने में नौ महीने से अधिक का समय लगा।
हजारों लोगों ने गंवाई जान
9/11 हादसे में तीन हजार से अधिक लोगों ने जान गंवाई। इनमें करीब चार सौ पुलिसकर्मी और अग्निशमन दस्ते के सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। हमले में मारे गए 372 दुनिया के अलग- अलग देशों के लोग थे, जिनमें विमान अपहर्ताओं के अलावा 77 देशों के नागरिक भी शामिल थे।
अमेरिकी कमांडो ने पाक के ऐबटाबाद में ओसामा को किया था ढेर
अमेरिका ने डब्ल्यूटीसी के हमलों के तुरंत बाद ओसामा बिन लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। लादेन को अमेरिकी कमांडो ने पाक में घुसकर दो मई 2011 को मार गिराया था। पाकिस्तान के हुए इस ऑपरेशन की 8वीं वर्षगांठ पर लादेन को गोली मारने वाले अमेरिकी नेवी सील के कमांडो रॉब ओ नील ने कहा था कि ‘हमारे दल में शामिल सभी कमांडो मान चुके थे कि वह मरने वाले हैं। उन्होंने अपने घर वाले को अलविदा भी कह दिया था।
नील का कहना था लादेन के गढ़ में पहुंचने पर कमांडो को लगा था कि यह ऑपरेशन उनका आखिरी ऑपरेशन होगा। एक साक्षात्कार में नील ने कहा था कि, मिशन पूरा कर जब हम सभी हेलीकॉप्टर में वहां से निकले, तब लगा कि हमारी जान बच सकती है। पायलट ने संदेश दिया कि हम अफगानिस्तान में हैं। यह सुनने के बाद लगा कि हमने कर दिखाया।’ उस वक्त यह बड़े गर्व की बात थी। ऐसी टीम का हिस्सा होना सम्मानजनक है।’
9/11 हमले का घटनाक्रम
सुबह 8:46 बजे : बोस्टन से लॉस एंजलिस की उड़ान पर निकले अमेरिकन एयरलाइंस के बोइंग 767 में सवार पांच अपर्ताओं ने अगवा किया था। उन्होंने दो विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकरा दिया। इससे पूरी इमारत आग के गोले में तब्दील हो गई। इसमें 92 लोग सवार थे।
9:30 बजे : तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इसे आतंकी हमला करार दिया था।