चुनाव आयोग मंगलवार तक कभी भी विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का एलान कर सकता ह
बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव आयोग कभी भी चुनाव कार्यक्रम का एलान कर सकता है। इस विधानसभा चुनाव के साथ एक लोकसभा और राज्यों की 63 विधानसभा सीटों पर भी चुनाव होना है। इसके लिए चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के साथ चुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार संपर्क में है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग मंगलवार तक कभी भी विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का एलान कर सकता है।
बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है। आयोग के सामने दशहरा, दीपावली और छठ पर्व के मध्य चुनाव कराने की चुनौती है। 2015 में विधानसभा के चुनावों का एलान नौ सिंतबर को किया गया था और पूरी चुनाव प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी हुई थी। 8 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे।
इस बार कोरोना संक्रमण महामारी के चलते चुनाव आयोग ने कई विशेष प्रावधान किए हैं। इसमें प्रचार, रैलियों से लेकर नामांकन प्रक्रिया तक के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कई तरह के नए नियम लागू किए गए हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार चुनाव को पांच से घटाकर तीन चरणों में कराया जा सकता है।
इसके अलावा चुनाव आयोग को छठ, दीपावली और दशहरे के त्योहारों को देखते हुए चुनाव कार्यक्रम को इन त्योहारों के मध्य ही पूरा करना है। इसके लिए समस्त चुनाव प्रक्रिया को 20 दिनों में पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा आयोग के सामने बाढ़ जैसी चुनौतियों से भी निपटना है। इसके लिए संभव है कि अंतिम चरण में मतदान उन इलाकों में कराया जाए जहां बाढ़ और अति बारिश ने कहर ढाया था।
बिहार विधानसभा चुनावों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण, बाढ़ के साथ सुरक्षा और नक्सल समस्या जैसी चुनौतियां भी हैं जिनसे पार पाने के लिए आयोग को सुनोयोजित तरीके से चुनाव प्रक्रियाओं को अंजाम देना होगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने खासे इंतजाम किए हैं।
इसमें 75 हजार मतदान केंद्रों पर छह लाख चुनाव कर्मचारी और अधिकारियों के अलावा लाखों की संख्या में सुरक्षा बलों के लिए कोरोना संक्त्रस्मण से बचाव के लिए थर्मल स्कैनिंग से लेकर पीपीई किट का इतंजाम तक शामिल है। इतना ही नहीं करीब सात करोड़ 20 लाख मतदाताओं के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।