आमने-सामने भारत-चीन के बीच होगा युद्ध
क्या भारत के साथ चीन युद्ध करने का मन बना चुका है ? दरअसल चीन ) ने पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर के सामने भारी संख्या में फौजें तैनात कर दी है. भारत ने भी अपनी कमर कस ली है. हथियारों और भारी युद्धक उपकरणों से पूरी तरह लैस भारतीय सैनिक ठाकुंग से लेकर रेक इन दर्रा तक की सभी महत्वपूर्ण चोटियों पर मौजूद हैं और दुश्मन देश को सबक सिखाने के लिए तैयार खडी हैं.
इस इलाके में दोनों देशों ने एक-दूसरे के आमने-सामने भारी संख्या में सैनिकों, टैंकों, हथियारयुक्त वाहनों और हॉवित्जर तोपों की तैनाती कर दी है. इन सबके बीच भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरावणे गुरुवार को चुशूल सेक्टर पहुंचे और वहां की रक्षा तैयारियों का जायजा लिया. वो शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले इलाके में उत्तर दिशा की तरफ अग्रणी चौकियों का मुआयना करेंगे.
चीन की आक्रामक गतिविधियों से निबटने में सक्षम : सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत के सैन्य बल चीन की आक्रामक गतिविधियों से बेहतर व उचित तरीकों से निबटने में सक्षम हैं. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम में एक संवाद सत्र में जनरल रावत ने कहा कि क्षेत्रीय मामलों से निबटने की भारत की नीति को भरोसेमंद सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव का समर्थन नहीं देने का मतलब ‘क्षेत्र में चीन के दबदबे को स्वीकार कर लेना’ निकाला जायेगा. चीन की वायु सेना की अक्साई चिन क्षेत्र में बढ़ती गतिविधि को देखते हुए भारतीय सेना भी ऑपरेशनल मोड में है. पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अगर चीन के साथ भारत के सीमा विवाद का फायदा उठाते हुए हमारे देश के खिलाफ कोई दुस्साहस करने की कोशिश करता है, तो वह भारी नुकसान उठायेगा.
चीन की हर हरकत पर आसमान से जमीन तक नजर : इधर, भारतीय सेना अब चीन की हर हरकत पर आसमान से जमीन तक नजर रखेगी. इसके लिए सेना ने तीन रणनीतिक चोटियों पर तैनाती बढ़ा दी है और लद्दाख में एलएसी पर सीमा को सुरक्षित करने के लिए अपनी पोजिशन में भी बदलाव किया है. भारतीय सेना ने दौलत बेग ओल्डी, गलवान घाटी और पैंगोंग झील व चुशूल सेक्टर में करीब 40 हजार जवान व अधिकारी तैनात किये हैं. चीन की हर चुनौती का जवाब देने के लिए सेना को बेहतर उपकरणों और निगरानी तंत्र से लैस किया जा रहा है.