पटना का श्रीराधा बांकेबिहारी मंदिर 100 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है, कोरोना संकट के चलते 2021 में उद्घाटन होगा
- 2007 में हुआ था इस्कॉन पटना मंदिर का भूमिपूजन, 2010 में शुरू हुआ था निर्माण, 10 साल में बनकर तैयार हुआ
- इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने अपील की है- कोरोना संकट के चलते लोग घर में रहकर ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाएं
‘बिहार का गौरव’ और पटना का श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर 100 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो चुका है। कोरोना संकट की वजह से इस साल मंदिर का उद्घाटन नहीं हो रहा है। 2021 में मंदिर का उद्घाटन होगा। इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार भव्य कार्यक्रम का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है। हमने सभी लोगों से अपील की है कि घरों में रहकर ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाएं और राधा रानी की पूजा अर्चना करें।
10 साल में बनकर तैयार हुआ श्रीराधा बांकेबिहारी मंदिर
कृष्ण कृपा दास बताते हैं कि इस्कॉन मुंबई की तरफ 1992 में अध्यक्ष बनाकर मुझे पटना भेजा गया था। राजेंद्र नगर में कुछ भक्तों के साथ रहकर भजन-कीर्तन करते थे। 1997 में ट्रांसपोर्ट नगर में मंदिर निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन लिया। 2000 में मंदिर के लिए शिलान्यास भी कर दिया गया लेकिन भक्तों की यह मांग थी कि मंदिर शहर के बीच में बनना चाहिए। इसके बाद 2004 में बुद्ध मार्ग में मंदिर के लिए जमीन लिया गया।
इस्कॉन पटना के अध्यक्ष ने बताया कि 2007 में मंदिर का भूमिपूजन किया गया जिसमें विदेशों से भी बड़ी संख्या में कृष्ण भक्त और संत पहुंचे थे। नक्शा पास होने के बाद 2010 में मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ। मंदिर लगभग बनकर तैयार हो चुका है। कोरोना के चलते पिछले दिनों काम थोड़ा प्रभावित हुआ। लेकिन, इसके बाद भी थोड़ा बहुत बचा हुआ काम साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
ये है पटना इस्कॉन मंदिर की खासियत-
- दो एकड़ में बने श्री राधा बांके बिहारी जी मंदिर को सेमी अंडर ग्राउंड बनाया गया है जिसमें एक भक्ति कला क्षेत्र है।
- पहले तल्ले पर प्रसादम हॉल है जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर भगवान श्रीकृष्ण का प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।
- 108 फीट ऊंचे मंदिर में 84 खंभे हैं जिसकी लंबाई और चौड़ाई भी 84 फीट है, प्रसाद तैयार करने के लिए मॉडर्न किचन बनाया गया है।
- दूसरे तल्ले पर मंदिर है जिसमें तीन दरबार बनाए गए हैं-राम दरबार, कृष्ण दरबार और चैतन्य महाप्रभु का दरबार।
- भगवान की सभी लीलाएं जो बिहार में संपन्न हुई हैं, उसे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
- मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट बनाया गया है जिसमें 56 प्रकार के शुद्ध शाकाहारी व्यंजन प्राप्त होंगे।
- बाहर से आए लोगों के ठहरने के लिए 70 कमरों का अतिथि गृह, परिसर में 300 गाड़ियों के पार्किंग की क्षमता।
- मंदिर में लाइब्रेरी की भी परिकल्पना है जिसमें स्वामी प्रभुपाद और वेदव्यास जी द्वारा रचित सभी ग्रंथ रखे जाएंगे, इसे लोग यहां बैठकर मुफ्त पढ़ सकते हैं।
गरीबों के लिए ‘फूड फॉर लाइफ’
कृष्ण कृपा दास ने बताया कि कोई गरीब भूखा न सोये इसके लिए मंदिर प्रबंधन की तरफ से ‘फूड फॉर लाइफ’ कैंपेन चलाया जाता है। श्री प्रभुपाद कहते थे कि यह कोशिश होनी चाहिए कम से कम मंदिर परिसर के चार किलोमीटर के दायरे में कोई व्यक्ति भूखा न सोये। हमलोग गरीबों को प्रसाद देते हैं। इसे और बढ़ाने का लक्ष्य है। इस कैंपेन की यह खासियत है कि इसमें गरीबों की कोई संख्या निश्चित नहीं है। जितने गरीब हैं उन सबके लिए भोजन की व्यवस्था।
इस्कॉन पटना के अध्यक्ष ने बताया मंदिर के उद्घाटन के बाद हमारी कोशिश होगी कि बिहार के दूसरे शहरों में संस्था का विस्तार किया जाए। बिहारशरीफ में गोशाला के लिए 70 एकड़ जमीन ली गई है। यहां भविष्य में गुरुकुल और नैचरोपैथी लैब बनाने की भी प्लानिंग है।