श्रीलंका आम चुनाव: मतगणना जारी, राजपक्षे की पार्टी भारी जीत की ओर, पीएम मोदी ने दी बधाई,
कोलंबोः श्रीलंका के प्रभावशाली राजपक्षे परिवार द्वारा नियंत्रित श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) बृहस्पतिवार को घोषित किए गए शुरुआती परिणामों के अनुसार संसदीय चुनाव में भारी जीत की ओर अग्रसर है। सिंहली बहुल दक्षिण क्षेत्र से अब तक पांच परिणामों की घोषणा की गयी है। इनमें एसएलपीपी को 60 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं।
एसएलपीपी की निकटतम प्रतिद्वंद्वी एक नयी पार्टी है जिसकी स्थापना सजीथ प्रेमदासा ने की है। प्रेमदासा ने अपनी मूल पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से अलग होकर नयी पार्टी बनायी है। आपसे बात करके खुशी हुई। एक बार फिर, बहुत-बहुत बधाई। हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि बधाई फोन के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद। श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ, मैं दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। श्रीलंका और भारत दोस्त हैं।
एसएलपीपी की निकटतम प्रतिद्वंद्वी एक नयी पार्टी है जिसकी स्थापना सजीथ प्रेमदासा ने की है। प्रेमदासा ने अपनी मूल पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से अलग होकर नयी पार्टी बनायी है। चुनाव परिणामों के अनुसार यूएनपी चौथे स्थान पर है।
आधिकारिक परिणामों से पता चलता है कि मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने भी यूएनपी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। तमिल बहुल उत्तर क्षेत्र में, मुख्य तमिल पार्टी को जाफना में एक क्षेत्र में जीत मिली है जबकि राजपक्षे की सहयोगी ईलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (ईपीडीपी) ने जाफना जिले के एक अन्य क्षेत्र में तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) को हराया है।
मतदान बुधवार को हुआ था। मतों की गिनती सुबह शुरू हुई। मतों की गिनती शुरू होते ही एसएलपीपी के संस्थापक बेसिल राजपक्षे ने कहा कि पार्टी नयी सरकार बनाने के लिए तैयार है। विश्लेषकों के अनुसार एसएलपीपी 225 सदस्यीय संसद में आराम से बहुमत हासिल कर लेगी।
बेसिल राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के छोटे भाई हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे उनके सबसे बड़े भाई हैं। राष्ट्रपति को उम्मीद है कि एसएलपीपी को दो-तिहाई बहुमत मिलेगा। इससे वह संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रपति पद की शक्तियों को बहाल कर सकेंगे। 2015 में संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती की गयी थी।
1.62 करोड़ मतदाताओं में से करीब 71 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल
राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिय ने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच हुए चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए, जिसमें 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। देशप्रिय ने कहा कि 1.62 करोड़ मतदाताओं में से करीब 71 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। देश में 64 मतगणना केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक धर्मसेना ने कहा, ”हमने 64 मतगणना केन्द्रों में 3,328 कर्मी तैनात किए हैं।”
महिंदा राजपक्षे ने मतदान के बाद संवाददाताओं से कहा था, ”हमें दो-तिहाई बहुमत से जीत की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई को पिछले साल दिसंबर में 69 लाख मतदाताओं ने समर्थन देकर राष्ट्रपति बनाया था और उन्हें इसी तरह का समर्थन इस बार मिलने की उम्मीद है। महामारी की वजह से दो बार इस चुनाव को टालना पड़ा था।
संसद के 225 सदस्यों के पांच साल तक निर्वाचन के लिए चुनाव हो रहे हैं। यहां 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को 225 सांसदों में से 196 के निर्वाचन के लिए मतदान करने का अधिकार है। वहीं 29 अन्य सांसदों का चयन प्रत्येक पार्टी द्वारा हासिल किए गए मतों के अनुसार बनने वाली राष्ट्रीय सूची से होगा।
पहले यह चुनाव 25 अप्रैल को होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसकी तारीख बढ़ाकर 20 जून की गई। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख आगे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई। करीब 20 राजनीतिक दलों और 34 स्वतंत्र समूहों के 7,200 से ज्यादा उम्मीदवार 22 चुनावी जिलों से मैदान में हैं।