नई दिल्ली. नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) आपको रिटायर होने के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड बनाने और रिटायरमेंट के बाद पेंशन का जुगाड़ करने में एनपीएस खूब काम आता है. एनपीएस में निवेश पर टैक्स छूट (Income Tax Exemption) भी मिलती है. इस योजना के तहत आप अपने कामकाजी उम्र के दौरान नियमित तौर पर योगदान कर सकते हैं. इसके बाद 60 साल के होने पर जमा हुई रकम का एक हिस्सा आप निकाल सकते हैं. बची हुई राशि से नियमित तौर पर पेंशन के रूप में आय प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम में आप दो प्रकार के अकाउंट, टियर-1 और टियर-2, खोल सकते हैं.
एक स्वैच्छिक बचत खाता है. अगर कोई एनपीएस के माध्यम से टैक्स छूट का फायदा उठाना चाहता है तो उसे उसके लिए टियर-1 अकाउंट ही विकल्प है. टियर-2 अकाउंट पर टैक्स छूट नहीं मिलती. टियर-1 अकाउंट से पैसे निकालने पर भी कोई टैक्स नहीं देना होता. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. लेकिन, 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया.
कितनी मिलेगी टैक्स छूट?
एनपीएस टियर-1 अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये की टैक्स छूट का लाभ मिलता है. कुल मिलाकर आपके एनपीएस खाते में 2 लाख रुपये तक का योगदान कर सकते हैं और कर कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. एक वेतनभोगी कर्मचारी के लिए, निवेश की गई राशि या मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा + डीए को कटौती योग्य राशि माना गया है. स्व-व्यवसायी निवेशकों के लिए निवेश की गई राशि या सकल आय के 20% हिस्से में से जो भी कम हो, उसे कटौती का दावा करने के लिए योग्य राशि माना गया है.
विड्रॉल पर टैक्स छूट
आपको यह बात समझ लेनी चाहिए कि एनपीएस के दोनों खातों के लिए टैक्स नियम समान नहीं है. एनपीएस टियर-1 अकाउंट से निकाली गई पूरी रकम पर टैक्स से छूट मिलती है. एनपीएस टियर-1 खाते से 60 वर्ष की आयु से पहले केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए ही पैसे निकाल सकते हैं. कुल निवेश की गई राशि के 25 फीसदी हिस्से तक निकाली गई राशि पर ही टैक्स छूट मिलती है, उससे ज्यादा पर नहीं. वहीं, अगर आप टियर-2 अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो निकाली गई रकम पर आपको टैक्स देना होता है. आपको आयकर आपके टैक्स स्लैब के हिसाब चुकाना होगा.