नई दिल्ली: ब्राह्मणों पर अनुराग कश्यप के ताजा बयान से देश की राजनीति गरमा गई है, जो फिल्म ‘फुले’ पर विवाद के बाद शुरू हुई थी. दरअसल, ब्राह्मण समाज को फिल्म ‘फुले’ में अपनी इमेज से आपत्ति है, जबकि अनुराग कश्यप ने सवाल उठाए कि ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के दौर में जातिवाद था, तो उसे दिखाने में क्यों आपत्ति हो रही है? दूसरा, अगर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश से जातिवाद खत्म कर दिया था, तो ब्राह्मणों को क्यों फिल्म ‘फुले’ से नाराजगी है? अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों की सोच पर तंज कसते हुए मौजूदा राजनीति पर भी करारा प्रहार किया है.
अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया है, जिसमें लिखा है, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने कहा कि मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है. उसी आधार पर फिल्म ‘संतोष’ भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई. अब ‘फुले’ में ब्राह्मण से दिक्कत है. भैया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है, तो काहे का ब्राह्मण.’ अनुराग कश्यप की भाषा लोगों को ठेस पहुंचा रही है. जाहिर है कि उन्हें दोहरी सोच से नाराजगी है.
अनुराग कश्यप का विवादित बयान
अुराग कश्यप की भाषा से बौखलाहट जाहिर होती है. उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, ‘कौन हो आप. आपकी क्यों सुलग रही है. जब कास्ट सिस्टम था नहीं, तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले क्यों थे. आपका ब्राह्मण वजूद में नहीं है, क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है. यह सब लोग मिलकर बेवकूफ बना रहे हैं. भाई मिलकर डिसाइ़ड कर लो. लोग बेवकूफ नहीं हैं. आप बाह्मण लोग हो या फिर आपके बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं. डिसाइ़ड कर लो
फिल्म ‘फुले’ को 11 अप्रैल को रिलीज होना था, लेकिन सेंसर बोर्ड की आपत्ति के बाद इसे 25 अप्रैल को रिलीज किया जाएगा. उन्होंने फिल्म में कुछ शब्द हटाने के निर्देश दिए हैं जो समाज में जातिवाद के प्रतीक रहे हैं. फिल्म ‘फुले’ का ट्रेलर रिलीज होने के बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी. उनका कहना है कि उन्हें गलत तरीके से पेश किया गया है