नई दिल्ली. टमाटर की कीमतों में आए तेज उछाल को सरकार ने अस्थायी और मौसम-जनित परिस्थिति बताते हुए मंगलवार को कहा कि इसके दाम जल्द ही नीचे आ जाएंगे. देश के कई शहरों में 100 रुपये और उससे भी अधिक दाम पर टमाटर बिकने की खबरें आ रही हैं. इसकी वजह से खाना बनाने में प्रमुखता से इस्तेमाल होने वाले टमाटर ने घरों का बजट बिगाड़ने का काम किया है. उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस संदर्भ में पीटीआई-भाषा से कहा कि टमाटर की कीमतों में तीव्र वृद्धि एक अस्थायी समस्या है.उन्होंने कहा, ‘हर साल इस समय ऐसा होता है.
दरअसल टमाटर बहुत जल्द खराब होने वाला खाद्य उत्पाद है और अचानक बारिश होने से इसकी ढुलाई पर असर पड़ता है.’ उपभोक्ता मामलों के विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 27 जून को अखिल भारतीय स्तर पर टमाटर की औसत कीमत 46 रुपये प्रति किलो रही. हालांकि इसकी अधिकतम कीमत 122 रुपये प्रति किलो भी दर्ज की गई है.
100 रुपये किलोग्राम से ऊपर पहुंचा भाव
देश के 4 मेट्रो शहरों की बात करें तो दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 60 रुपये प्रति किलो, मुंबई में 42 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 75 रुपये प्रति किलो और चेन्नई में 67 रुपये प्रति किलो रही. हालांकि, सरकारी आंकड़ों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और कर्नाटक के बेल्लारी में टमाटर का भाव 122 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूध एवं फल-सब्जियों की बिक्री करने वाली मदर डेयरी के स्टोर पर भी टमाटर का भाव एक हफ्ते में ही दोगुना होकर करीब 80 रुपये प्रति किलो हो चुका है. प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से टमाटर की आपूर्ति बाधित होने से इसके दाम में उछाल आया है.
मौसमी बदलाव से टमाटर की फसल पर मार
मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा, ‘मानसून आने से टमाटर की फसल इस समय मौसमी बदलावों से गुजर रही है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश होने से टमाटर की फसल प्रभावित हुई है और इसकी आपूर्ति भी मांग की तुलना में कम हो गई है.’