रविशंकर भारद्वाज/बक्सर
हेलो मैं बक्सर सेंट्रल जेल से जेल सुपरिटेंडेंट राजीव कुमार बोल रहा हूं…. यह आश्चर्य नहीं हकीकत है दरअसल यह मामला बक्सर के सेंट्रल जेल का है जहां भी साइबर् ठग सक्रिय हो गए हैं! लेकिन सोचने वाली बात यह है कि जेलों में साइबर ठग सक्रिय होकर क्या करेंगे, हम आपको आज बताते हैं कि जेलों में सक्रिय हो चुके साइबर ठग ठगी कैसे कर रहे हैं!
दरअसल आज सुबह बक्सर व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता शुभम उपाध्याय ने एक कराधीन अभियुक्त के लिए बक्सर सेंट्रल जेल में अधिवक्ता अधिकार पत्र (वकालतनामा) भेजा!
थोड़े ही देर के बाद जेल से अधिवक्ता शुभम उपाध्याय के नंबर पर 7454995899 फोन आया, फोन करने वाला खुद को बक्सर सेंट्रल जेल का सुपरिटेंडेंट राजीव कुमार बताया, दरअसल फोन करने वाले ने कहा कि हेलो मैं जेल अधीक्षक राजीव कुमार बोल रहा हूं ,आपके अभियुक्त की हालत बहुत सीरियस है वह गिरकर हाथ पैर तोड़ लिया है जितनी जल्दी हो सके आप मुझे अभियुक्त के परिजनों का नंबर दीजिए ,ताकि मैं सूचना दे सकूं और उनसे मिलवा सकूं, जैसे ही यह बात अधिवक्ता महोदय ने सुना तो उन्हें संदेहास्पद लगा ,वह अपने काम में लग जाए लेकिन थोड़े ही देर बाद पुनः इसी नंबर से फोन आया और फिर वही व्यक्ति इस बात को कहा ,इस पर अपने तमाम मित्रों से इस इस बात को अधिवक्ता शुभम ने बताया!
तब मित्रों ने बताया कि इस प्रकार का एक और मामला 4 दिन पहले भी आ चुका है और जेल में भी साइबर ठग सक्रिय हो चुके हैं, हालांकि इस मामले में किसी भी प्रकार की आधिकारिक सूचना पदाधिकारियों तक नहीं पहुंची है, मामले की जानकारी अधिवक्ता शुभम उपाध्याय ने संबंधित अधिकारियों को देने की बात कही और इस संबंध में आगे कार्यवाही करवाने हेतु पत्र प्रेषित किया है!