नई दिल्ली. दिल्ली की आबकारी नीति (Delhi Excise Policy Case) मामले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर अब 24 मार्च को अगली सुनवाई होगी. आबकारी नीति तैयार करने से लेकर उसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में आज की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया और CBI के वकीलों को 24 मार्च से पहले लिखित दलील जमा करने को कहा है. सिसोदिया की जमानत पर अब उस दिन 2 बजे सुनवाई होगी.
इससे पहले मनीष के वकील दयान कृष्णन ने राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) को बताया कि मनीष का मोबाइल फोन सीज हो चुका है. दूसरे फोन को लेकर हम पहले ही जवाब दे चुके हैं. हमारी कोर्ट से अपील है कि अब मनीष की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि LG द्वारा CBI को जांच सौंपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन बदला जाना सिर्फ एक इत्तेफाक है. सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह एक पब्लिक सर्वेंट हैं, मामले में दो और पब्लिक सर्वेंट हैं जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको जमानत मिल चुकी है.
मनीष सिसोदिया के वकील ने अपनी दलील में कहा कि इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है. आबकारी मामले में सीबीआई की जांच मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकीं हैं. सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है. मनीष के वकील पी चिदम्बरम केस का हवाला दे रहे हैं.
मनीष के वकील ने कहा कि उनकी पत्नी कई बीमारियों से जूझ रही हैं कोई भी उनके साथ देखभाल के लिए नहीं है. मनीष सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट को भी कोर्ट में जमा किया जा चुका है. उन्होंने जांच एजेंसी को जांच में हमेशा सहयोग दिया है. उनको जमानत दी जानी चाहिए.
सीबीआई के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया के पास 18 मुख्य विभाग थे. उनको इसकी सारी जानकारी थी. सीबीआई ने सिसोदिया की तरफ से दी गई दलील का विरोध किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि दिल्ली आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में जिसको रवि धवन ने तैयार किया था. सिसोदिया आबकारी मामले में रवि धवन की रिपोर्ट देखकर डिस्टर्ब हो गए.
सीबीआई ने कहा कि आबकारी नीति मामले में सिसोदिया राहुल धवन को हटाकर राहुल सिंह को ले आए. फिर उसके बाद आबकारी नीति में कई बदलाव किए गए. उसके बाद नई नीति बनाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया.