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सुप्रीम कोर्ट से भी लगा उद्धव को झटका, शिंदे गुट के पास ही रहेगा शिवसेना का नाम और पार्टी चिन्ह

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है. उच्चतम न्यायालय ने शिवसेना (Shivsena) के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर दिए गए चुनाव आयोग (Election Commission) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अदालत ने इस मामले में उद्धव ठाकरे गुट को दो हफ्ते के भीतर जवाब देने के लिए कहा है. शीर्ष अदालत ने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर शिवसेना नेता राहुल शेवाले ने कहा है कि, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.

उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. अदालत ने बैंक खाते और प्रॉपर्टी टेकओवर करने पर रोक नहीं लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आदेश के बाद कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार किया है.

इस मामले में एकनाथ शिंदे गुट के वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक पार्टी में टूट की स्थिति में पार्टी के नाम और निशान पर फैसला लिया है. शिंदे गुट की ओर से कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि अभी अयोग्यता की कार्रवाई नहीं करेंगे.

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वहीं ठाकरे गुट के नेता अनिल परब ने कहा है कि, हमारी एसएलपी में हमने मांग की कि शिंदे गुट को आवंटित चुनाव चिह्न और नाम को यथास्थिति दी जाए. लेकिन कोर्ट ने स्वीकार किया कि सुनवाई 2 सप्ताह के बाद होगी और तब तक हम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नाम के साथ जारी रख सकते हैं. साथ ही, तब तक हमारे विधायकों को अयोग्यता नोटिस नहीं दिया जाएगा और उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

उद्धव खेमे ने शीर्ष अदालत से की थी ये मांग
इससे पहले मंगलवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत खेमे ने एक असामान्य कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के शिवसेना विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता कार्यवाही पर फैसला किया जाए. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा कि संविधान की लोकतांत्रिक भावना को कायम रखने का यही एकमात्र तरीका होगा.

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देते हुए उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था. पार्टी पर नियंत्रण के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पृष्ठों के अपने आदेश में, आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘‘मशाल’’ चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी थी.

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आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे.

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