नई दिल्ली. आधार को वोटर कार्ड से लिंक करने का काम पूरी तरह से स्वैच्छिक है, ये हरेक का व्यक्तिगत फ़ैसला होगा. अगर कोई अपने आधार को लिंक नहीं भी करता है, तो वोटर कार्ड से उसका नाम नहीं कटेगा. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. चुनाव आयोग ने एक अगस्त 2022 से स्वैच्छिक तौर पर मतदाताओं का आधार नंबर एकत्र करने का कार्य शुरू किया है
उन्होंने कहा कि निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021 में इसका प्रावधान है कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को मतदाता अपनी आधार संख्या मुहैया कराएं और यह स्वैच्छिक होता है. केंद्रीय मंत्री से यह सवाल किया गया था कि जिन लोगों के मतदाता पहचान पत्र आधार के साथ लिंक नहीं है, क्या उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे? इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘नहीं.’
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने भी अगस्त में ट्विटर पर अपने एक बयान में कहा था कि फॉर्म 6बी (आधार विवरण साझा करने के लिए जारी नया फॉर्म) में आधार का विवरण देना ‘स्वैच्छिक’ है. आयोग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी निर्देशों का भी जिक्र किया था, जिसके मुताबिक ‘आधार जमा नहीं करने के आधार पर मतदाता सूची से कोई प्रविष्टि नहीं हटाई जाएगी