पीके ने कहा कि बड़ी हास्यास्पद बात है किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसी जिले के डीएम-एसपी को बुलाकर कहता है कि आप कसम खाइये कि आप शराब का कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ कर कार्यवाही करेंगे. उन्होंने कहा कि अगले 48 घन्टे के अन्दर नीतीश सरकार शराबबंदी कानून वापस ले. नीतीश सरकार की शराबबन्दी योजना पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. प्रशांत ने कहा कि पहले शराब की दुकान को गांव-गांव में खोल कर लोगों को शराब पीने पर विवश कर दिया और आज लाठी डंडे के सहारे लोगों से शराब छोड़ने को कह रहे हैं.
पीके ने कहा कि यह राजतंत्र हो गया है. उन्होंने भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया. प्रशान्त किशोर ने कहा कि शराबबंदी पर सबसे पहली मुखर आवाज हमने ही उठाया है. भाजपा के लोग जो आज विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं इन्हीं लोगों ने जेडीयू के साथ पांच वर्ष साथ रहकर शराबबंदी का समर्थन किया. भाजपा को घेरते हुए प्रशांत किशोर ने कहा अब कोई भाजपा से सवाल नहीं कर रहा कि जब आप सरकार में थे आपने शराबबंदी के लिए हटाने के लिए क्या काम किया. इसके साथ ही प्रशांत ने कहा बिहार में जितने भी दल हैं उन्हें शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए
तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लेते हुए प्रशान्त किशोर ने कहा जब आरजेडी और तेजस्वी यादव विपक्ष में थे तब शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे. अब ये खुद सरकार चला रहे हैं तो इन्हें शराबबंदी सही लग रहा है.