पटना. बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी के फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. कभी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी इस फैसले पर सवाव उठाते हैं तो कभी नीतीश कुमार के करीबी और JDU संसदीय बोर्ड के प्रेसिडेंट उपेन्द्र कुशवाहा. इस बीच प्रशांत किशोर ने भी बिहार में शराबबंदी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है. पीके का कहना है कि बिहार में शराब प्रतिबंधित है फिर भी घरों में इसकी होम डिलीवरी हो रही है.
ये आरोप प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज यात्रा के दौरान लगाया. पश्चिम चंपारण में जन सुराज यात्रा के दौरान कचहरी टोला पंचायत के लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. पश्चिमी चंपारण के कचहरी टोला में प्रशांत किशोर ने लोगों से शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार की सभी महिलाएं शराबबंदी के नाम पर उनको वोट करती हैं, लेकिन हम में से कोई भी इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि घरों में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. अफसरशाही का आलम ऐसा है कि गरीब व्यक्ति को अफसर पकड़कर डंडे मार के पैसे कमाते हैं और अमीर व्यक्ति अंग्रेजी शराब पीता रहता है.
ये आरोप प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज यात्रा के दौरान लगाया. पश्चिम चंपारण में जन सुराज यात्रा के दौरान कचहरी टोला पंचायत के लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. पश्चिमी चंपारण के कचहरी टोला में प्रशांत किशोर ने लोगों से शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार की सभी महिलाएं शराबबंदी के नाम पर उनको वोट करती हैं, लेकिन हम में से कोई भी इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि घरों में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. अफसरशाही का आलम ऐसा है कि गरीब व्यक्ति को अफसर पकड़कर डंडे मार के पैसे कमाते हैं और अमीर व्यक्ति अंग्रेजी शराब पीता रहता है.
इससे पहले गुरुवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि शराबबंदी से लोगों को फायदा तो हो रहा है लेकिन बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. कुशवाहा ने कहा था कि लोगों को साथ आना होगा यानी बिना लोगों के सहयोग के ये सफल नहीं हो सकती है.