नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार 31 दिसंबर तक पानी के बकाया बिल पर लगे विलंब शुल्क को माफ करेगी. उन्होंने कहा कि केशोपुर और नजफगढ़ में 8.5 करोड़ गैलन गंदे पानी (सीवेज) को शोधन के बाद ही नजफगढ़ नाले में छोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री के मुताबिक इस कदम से यमुना नदी में दिल्ली से होने वाले प्रदूषण में 30 प्रतिशत तक कमी आने की उम्मीद है
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया, ‘दिल्ली की जनता को पानी के बकाया बिलों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. पानी के बकाया बिलों पर लगने वाली लेट फ़ीस(लेट पेमेंट सरचार्ज) 31 दिसंबर 2022 तक के लिए 100 प्रतिशत माफ रहेगी यानी आप बिना लेट फ़ीस की चिंता किए अपने पुराने बकाया बिल भर सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यमुना के पानी को साफ़ करने के लिए तीन और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आज मंजूर किए – बादली, निगम बोध व मोरी गेट नालों पर सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इससे इन नालों का गंदा पानी यमुना में नहीं जाएगा.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आज एक बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. इसके तहत केशोपुर व नजफगढ में गिरने वाले 8.5 एमजीडी सीवर को रोज़ाना साफ़ कर नजफगढ नाले में डाला जाएगा. इससे यमुना के पानी का प्रदूषण 30 प्रतिशत तक घटेगा. यह कदम यमुना साफ़ करने में बहुत मददगार साबित होगा.’
गौरतलब है कि यमुना उत्तर में पल्ला नामक स्थान से दिल्ली की सीमा में दाखिल होती है और करीब 48 किलोमीटर की दूरी तय कर दक्षिण में जैतपुर तक जाती है. घरेलू और औद्योगिक गंदा पानी वजीराबाद से ओखला के बीच 22 नालों के जरिये यमुना में जाता है. दिल्ली शहर में यमुना का सिर्फ दो प्रतिशत मार्ग आता है, लेकिन यह नदी के 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है.