राजस्थान में उदयपुर-पिंडवाड़ा हाईवे पर गोला बारूद से भरे भारतीय सेना (Indian Army) के एक ट्रक में शुक्रवार शाम को अचानक भीषण आग लग गई. ट्रक में आग लगने के बाद उसमें रखे गोला बारूद में धमाके होने लगे. इसके कारण कई किलोमीटर दूर तक लोगों में दहशत फैल गई. आर्मी के इस ट्रक में ड्राइवर सहित दो लोग मौजूद थे लेकिन वे सुरक्षित बाहर निकल गए. ट्रक में भरे गोला बारुद में लगातार धमाके होने के चलते हाईवे जाम हो गया. करीबन 2 घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका.
जानकारी के अनुसार यह घटना उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर गोंडा में हुई. आग लगने के स्पष्ट कारण तो सामने नहीं आ सके लेकिन आर्मी अधिकारियों के अनुसार तकनीकी खराबी आने से ट्रक में आग लगी थी. पिंडवाड़ा की ओर से सेना के पांच वाहनों का काफिला उदयपुर आर्मी स्टेशन के लिए आ रहा था. उसी दौरान एक ट्रक में आग लग गई और देखते ही देखते उसने विकराल रूप ले लिया. आर्मी स्टेशन आ रहे इन ट्रकों में गोला बारूद रखा था. आग लगने के बाद एक के बाद एक कई विस्फोट हुए. उनकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी.
सूचना मिलते ही दमकल के वाहन मौके के लिए रवाना हुए. वहीं जिला प्रशासन ने भी पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखी. करीब 7 थानों के थाना अधिकारियों को मौके पर स्थिति संभालने के लिए भेजा गया. हाईवे पर जैसे ही ट्रक में आग लगी उसके ठीक बाद आर्मी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया. आर्मी की क्विक रिएक्शन टीम ने घटनास्थल के आधा किलोमीटर दूर तक के एरिया को सीज कर दिया और हाईवे पर आवाजाही बंद कर दी. हाईवे पर आवागमन रोकने से दोनों और तकरीबन 10-10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया. अधिकारियों की मानें तो ट्रक में ज्वलनशील पदार्थ भी था. ऐसे में तकरीबन रात 8:45 पर आग पूरी तरह से काबू आने के बाद हाईवे को फिर से शुरू किया गया.
इस घटना के बाद आर्मी के पीआरओ डिफेंस कर्नल अमिताभ शर्मा ने अधिकृत बयान जारी किया. उन्होंने बताया कि इस घटना के वास्तविक तथ्यों को पता लगाने के लिए सेना द्वारा आंतरिक जांच का आदेश दिया गया है. ट्रक में तकनीकी खराबी होने के बाद आग लगी तो आर्मी की क्विक रिएक्शन टीम तुरंत एक्टिव हुई और जलते हुए ट्रक को घेर लिया. इसके साथ ही तकरीबन 500 मीटर क्षेत्र में लोगों की आवाजाही बंद कर दी और हाईवे पर दूर-दूर तक वाहनों को रोक दिया गया. सेना के अधिकारियों ने बताया कि किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है. सेना के जवानों ने यह भी सुनिश्चित किया कि घटना के दौरान किसी भी तरह की सार्वजनिक संपत्ति या सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों को नुकसान ना हो.