कानपुर: उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं और ऐसा लगने लगा है कि अपराधियों में पुलिस का अब खौफ नहीं रह गया है. दरअसल, यूपी के कानपुर में बीते 120 घंटे में 5 हत्या हुई है. कानपुर शहर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को लागू हुए तकरीबन एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है मगर जमीन पर इसका असर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कानपुर शहर में लगातार हत्याओं का सिलसिला जारी है और क्राइम का ग्राफ भी बढ़ रहा है. जबकि एक ही शहर में 14 आईपीएस अधिकारी की तैनाती है.
कानपुर शहर के कल्याणपुर थाना अंतर्गत गुरुवार देर रात एक घटना घटी, जिसमें फिल्मी स्टाइल में दौड़ाकर गोली मारी गई, फिर उसके सिर को कुचल कर युवक को बेरहमी से मारा गया. अस्पताल में इलाज के दौरान युवक विशाल निषाद की मौत हो गई. मामला पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है और मृतक विशाल निषाद मौजूदा पार्षद का भतीजा है.
हत्या की पूरी साजिश रचने का आरोपी विशाल निषाद के ताऊ का बेटा विकास है, जिसने पहले दोस्तों के जरिए विशाल निषाद को फोन करके घर से बाहर बुलवाया और दोस्तों के साथ मिलकर हत्या कर दी. अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे, जब कल बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव पर अपने ठेकेदार राजेंद्र पाल को जिंदा जला कर मारे जाने का आरोप सामने आया था.
शहर में पिछले 120 घंटों में पांच हत्याओं ने सनसनी फैला दी है. यह हत्याएं अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई हैं मगर अपराधियों पर पुलिस का जरा भी खौफ नजर नहीं आ रहा है. जबकि कानपुर पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद शहर में 14 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती है.
पिछली पांच हत्याओं की घटना कुछ इस तरह से हैं-
-16 जुलाई को पनकी इलाके में राजमिस्त्री अरुण कुमार की अपहरण करके हत्या कर दी गई थी, जिसकी बॉडी खेत में गड़ी मिली थी.
-20 जुलाई को बिल्हौर के सुक्खा पुरवा में 65 वर्षीय बुजुर्ग राम सिंह कटियार की हत्या करके शव को कुएं में फेंक दिया गया था.
-20 जुलाई को ही चकेरी इलाके में बिल्डर श्रीवास्तव ने अपने ठेकेदार राजेंद्र पाल को मांगने पर जिंदा फूंक दिया था.
-21 जुलाई को घाटमपुर में राजेश शंखवार नामक युवक को डंडे से पीटकर मार डाला गया था और रात होते होते कल्याणपुर में विशाल की हत्या कर दी गई.