पटना. बिहार में खनिज संपदा का भंडार है. जमुई में सोना होने की जानकारी मिलने के बाद अब सरकार का दावा है कि जमुई सहित औरंगाबाद, नवादा और कई अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर निकिल, पोटाश, क्रोमियम और सोना के भंडार मिले हैं, जिसका खनन जल्द शुरू होने वाला है. बिहार के खनन एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में कई महत्वपूर्ण तत्व के भंडार मिले हैं जिसका खनन जल्द ही कराया जाएगा.
मंत्री के मुताबिक औरंगाबाद में क्रोमियम, निकिल और पोटाश का उत्खनन किया जाएगा. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जल्द ही काम भी शुरू होने वाला है. तीन ब्लॉक पोटाश और एक ब्लॉक क्रोमियम निकिल का पाया गया है, वहीं जमुई के सोनो प्रखंड में सोना, औरंगाबाद में क्रोमियम के भंडार मिले हैं. आरकोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा जल्द ही इसका खनन शुरू हो जाएगा. यह सफेद रंग की धातु होती है. इसमें हल्के नीले रंग की झलक होती है. यह कठोर और जंग रोधक धातु है जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज और मोबाइल बनाने में भी किया जाता है.
निकेल
यह चांदी की तरह सफेद रंग की धातु है. इसमें हल्की सुनहरी आभा भी निकलती है. यह भी क्रोमियम सिल्वर की तरह जंगरोधी होता है और इसका उपयोग किसी भी धातु को जंग से बचाने के लिए उस पर परत चढ़ाने में किया जाता है. चुंबक उद्योग और स्टील को जंगरोधी बनाने में भी इसे प्रयोग में लाया जाता है
किन-किन जिलों को मिला ब्लॉक
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बिहार को चार खनिज ब्लॉक सौंपा है जिनमें क्रोमियम और पोटैशियम सासाराम रोहतास, गया और औरंगाबाद में स्थित हैं. बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा कि बिहार को 3 पोटेशियम और एक क्रोमियम के ब्लॉक दिए गए हैं. इसमें सासाराम (रोहतास) में 10 वर्ग किलोमीटर का नावाडीह ब्लॉक, 8 वर्ग किलोमीटर के टीपा खनिज ब्लॉक और शाहपुर में 7 वर्ग किलोमीटर का ब्लॉक शामिल है. ये तीनों पोटेशियम के ब्लॉक हैं. इसके अलावा औरंगाबाद, गया में क्रोमियम के ब्लॉक हैं. यह 8 वर्ग किलोमीटर का है .