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झारखंड में 75 हजार में मिल रहा 15 हजार वाला बालू ,5 गुना महंगाई से निर्माण कार्य ठप

रांची. झारखंड में राज्य स्तर पर बालू की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. बालू की कमी से हो रही समस्या को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, बालू एसोसिएशन और बिल्डर्स एसोसियेशन ऑफ इण्डिया, झारखण्ड की ओर से संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता का आयोजन कर इसकी जानकारी दी गयी. झारखंड चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि हमने विभागीय सचिव से मिलने का प्रयास किया था लेकिन विभागीय सचिव किसी व्यस्तता के कारण मिलने में असमर्थ हैं. मुख्यमंत्री के पूर्व के बयानों से यह स्पष्ट है कि वो भी चाहते हैं कि राज्य में बालू की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित हो लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण स्थितियां और विकट हो गई हैं, जिस पर मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है.Jharkhand News : बालू ढोने वाले वाहनों को जब्त नहीं करेगी पुलिस, जानें  सरकार का क्या है नया आदेश

चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि जो बालू पूर्व में 15 हजार रुपए प्रति हाइवा मिलता था अब 75 हजार रुपए तक मिल रहा है. बालू की कमी के कारण राज्य में ज्यादातर निर्माण कार्य बंद हैं. ऐसे हालात में बिल्डिंग निर्माण से जुड़े दैनिक मजदूरों के समक्ष आजीविका संकट उत्पन्न हो गई है. इसके साथ ही सीमेंट, स्टील, टाईल्स, सेनिटरीवेयर का व्यापार भी प्रभावित है. चैंबर की ओर से बताया गया कि स्मॉर्ट सिटी के निर्माण कार्य में जुड़ी एल एण्ड टी कंपनी भी अपना काम बंद कर चुकी है. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है. यदि राज्य सरकार राज्य के स्टॉकिस्ट को पड़ोसी राज्यों से बालू की आपूर्ति करने की अनुमति दे और रास्ते में कोई बेवजह परेशान नहीं करे तब समस्या का तत्काल समाधान संभव है.Jharkhand: बालू-गिट्टी की कमी के कारण सरकारी भवनों का निर्माण कार्य रुका,आम  लोग भी परेशान - sand stone chips scarcity in jharkhand creating trouble to  handover building of primary health ...

बालू एसोसियेशन के उपाध्यक्ष राजेश रंजन और बालू के स्टॉकिस्ट प्रतीक हेतमसरिया ने कहा कि नदियों का सही समय पर बंदोबस्ती नहीं किया जाना ही झारखण्ड में बालू की कमी का मुख्य कारण है. बालू की कमी के कारण बड़े प्रोजेक्ट के कार्य में संलग्न बिल्डरों के साथ ही आम लोग भी परेशान हैं. झारखण्ड सरकार की पहल पर बालू की ऑनलाइन उपलब्धता को लेकर किये जा रहे प्रयास उपभोक्ताओं के लिए संभव नहीं है. लोग रजिस्ट्रेशन तो करा रहे हैं किंतु बडी संख्या में लोगों को गाडियों का प्रबंध करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.5 Thousand Crore Construction Projects Affected In Jharkhand Due To Sand  Shortage, Know The Real Situation | Jharkhand: बालू की किल्लत से 5 हजार  करोड़ के कन्स्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर लगी ब्रेक, जानें कैसे है हालात

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चैंबर के महासचिव राहुल मारू ने कहा कि पड़ोसी राज्य से बालू की आपूर्ति किये जाने के लिए हमने विभागीय सचिव से 1 जून को ही बात की थी लेकिन उन्होंने इस मामले में रूचि नहीं दिखाई. एनजीटी के गाइडलाइन के तहत 10 जून से राज्य में बालू खनन पर रोक प्रभावी है लेकिन पश्चिम बंगाल में 30 जून से प्रभावी हो रहा है, ऐसे में 10 दिन का समय अभी भी बचा हुआ है. यदि राज्य सरकार पहल करे तब राज्य के स्टॉकिस्ट इसके लिए तैयार हैं. इससे बालू की कालाबाजारी बंद होगी, राज्य में निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चलेंगे और बालू की आसान उपलब्धता सुनिष्चित हो पायेगी.

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