चंपावत. उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए ऐतिहासिक रहे और सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी अग्निपरीक्षा में पूरी दमदारी के साथ पास हुए. लेकिन कांग्रेस के लिए इस चुनाव के नतीजे बेहद निराशाजनक रहे क्योंकि प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी अपनी ज़मानत तक नहीं बचा सकीं. सीएम पुष्कर सिंह धामी को जहां 58,258 वोट मिले, वहीं दूसरे नंबर पर रहीं गहतोड़ी को सिर्फ़ 3233 वोट ही मिल सके. यानी सीएम धामी ने कुल 55,025 वोटों से चंपावत सीट शानदार ढंग से अपने नाम की. बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया.
कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाईं तो कांग्रेस के चुनाव पूर्व दावों की कलई तो खुल ही गई, साथ में अब कांग्रेस के भीतर आरोपों का एक और दौर शुरू होता दिख रहा है. गहतोड़ी ने अपनी हार के लिए संगठन को ज़िम्मेदार बताकर कहा, पार्टी के लोगों के साथ ही बड़े नेताओं ने भी उन्हें दिल से चुनाव नहीं लड़ाया. वह अकेले ही बीजेपी की सत्ता से लड़ती रहीं. अगर कांग्रेस ने ताकत झोंकी होती, तो धामी की राह इतनी आसान न होती.
चुनाव से पहले कांग्रेस के तमाम दिग्गजों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव आदि ने कई मंचों से यह बात कही थी कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट होकर चंपावत उपचुनाव लड़ रही है और सीएम धामी को कड़ी टक्कर देगी. लेकिन चुनाव नतीजे 3 जून को आना शुरू हुए तो कांग्रेस के इस दावे की पोल खुलती नज़र आने लगी. वोटों के आंकड़े इस तरह रहे.
भाजपा को 58258, कांग्रेस को 3233, सपा को 413, निर्दलीय उम्मीदवार को 402 और नोटा को 377 वोट मिले. कुल मतों संख्या 62898 (पोस्टल मत 1303) रही, जिनकी आज शुक्रवार को गिनती की गई. इनमें से 215 वोट खराब हुए. चुनाव नतीजों के बाद धामी ने विधायक प्रमाण पत्र प्राप्त किया, तो 13 राउंड की मतगणना के रुझानों में कांग्रेस की स्थिति कुछ इस तरह रही.
मतगणना के पहले ही दौर में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर गहतोड़ी 3500 से ज़्यादा वोटों से पिछड़ती नज़र आईं. चौथे राउंड के बाद वह 12,000, छठे राउंड के बाद 21,000, दसवें राउंड के बाद करीब 40,000 वोटों से पिछड़ गईं गहतोड़ी आखिरकार 55 हज़ार से भी ज़्यादा वोटों से हार गईं. कुल 62,898 वोटों में कांग्रेस 10 फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर सकी.