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कौन होगा बिहार कांग्रेस का अगला मुखिया ? दलित या सवर्ण ,मंथन जारी

पटना. ए टू जेड की बात करने वाली कांग्रेस बिहार में प्रदेश अध्यक्ष के नाम दलित और सवर्ण के नाम पर बंट गई है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस का एक गुट प्रदेश का नेतृत्व सवर्ण के हाथों में सौंपना चाहता है. जबकि दूसरा गुट बिहार प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व दलित या मुसलमान के हाथों में सौंपना चाहता है. सवर्ण समर्थक कांग्रेसी का तर्क है कि सभी दल अब सवर्ण वोटरों को अपनी ओर गोलबंद कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी को दलित की जगह किसी सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए.

इधर, बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास का तर्क है कि लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व सवर्णों को दिया था. लेकिन, इसका लाभ पार्टी को नहीं मिल पाया. ऐसे अब पार्टी का नेतृत्व दलित या मुसलमान को देना चाहिए. वैसे भी रामविलास पासवान की मौत के बाद बिहार में दलितों का कोई बड़ा नेता नहीं है. दलित कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. पार्टी का नेतृत्व उनको एक बार सौंप कर हम उनको अपने साथ जोड़ सकते हैं.bihar politics brainstorming on new name of the state congress president  many senior leaders gathered in delhi - Bihar politics: प्रदेश कांग्रेस  अध्यक्ष के नए नाम पर चल रहा मंथन, कई वरिष्ठ

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में दो गुट है. एक गुट राजद समर्थक है. दूसरा नीतीश कुमार का समर्थक. पार्टी के अंदर जो कुछ होता है उसकी कमान राजद या जदयू के पास होती है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास इससे नाराज हैं. इस दफा बिहार कांग्रेस की कमान कांग्रेसी के हाथ में सौंपना चाहते हैं. इससे कांग्रेस के अंदर और बाहर विरोध शुरू हो गया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजद भक्त चरण दास के फैसले का सबसे ज्यादा विरोध कर रही है. कांग्रेस में अपने समर्थक के सहारे पार्टी आला कमान पर दबाव बनवाने का प्रयास कर रही है. राजद का मानना है कि पार्टी का नेतृत्व अगर किसी दलित या मुसलमान के हाथ में सौंपा गया तो इससे उसके परंपरागत वोट पर असर पड़ सकता है. यही कारण है कि वो अपने लोगों से इसका विरोध करवा रही है.

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दलित अध्यक्ष का दांव

इधर, कांग्रेसियों का कहना है कि बिहार में ब्राह्मण, दलित और मुसलमान कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. पार्टी ने ब्राह्मण को नेतृत्व देकर देख चुकी है. वे ब्राह्मणों को पार्टी से कनेक्ट नहीं कर पाए. कांग्रेस को अब एक नया प्रयोग दलित के रूप में करना चाहिए. रामविलास पासवान की मौत के बाद खाली इस जगह को कांग्रेस प्रयास करे तो आसानी से भर सकती है. इसके साथ ही उनका तर्क है कि राजद ब्राह्मण और भूमिहार को अपने साथ जोड़ सकती है, तो कांग्रेस को दलित और मुसलमान को जोड़ने में क्या परेशानी है.6 working presidents 12 vice presidents in-charge sent the list to the high  command for Bihar Congress many leaders got angry - 6 कार्यकारी अध्यक्ष, 12  उपाध्यक्ष... प्रभारी ने बिहार कांग्रेस के

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