रूस-यूक्रेन युद्ध को दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. जंग ने दोनों देशों के बीच इतनी ज्यादा दूरियां पैदा कर दी हैं कि यूक्रेनी नागरिक अब रूस से जुड़ी ऐतिहासिक चीजों को भी अपने साथ नहीं रखना चाहते. इस वजह से राजधानी कीव में मौजूद रूस और यूक्रेन की दोस्ती के प्रतीक सोवियत स्मारक को तोड़ दिया गया.
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था, जिसके बाद कई यूक्रेनी शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. भले ही आज ये दोनों देश सबसे बड़े दुश्मन नजर आ रहे हों, लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब इन्होंने मिलकर 45 साल अमेरिकी डिप्लोमैसी का सामना किया था.
कोल्ड वॉर शुरू होने के बाद साम्यवादी विचारधारा वाला सोवियत गठबंधन 1992 तक अमेरिका के साथ कोल्ड वॉर में उलझा रहा. सोवियत यूनियन के टूटते ही इन दोनों के रिश्तों में दरार आ गई.
1992 में सोवियत यूनियन टूटने के बाद रूस और यूक्रेन के रिश्तों में खटास आने लगी. 2022 आते तक यह खटास इतनी ज्यादा बढ़ गई कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर दिया.
पिछले 2 महीने से दोनों देशों के बीच जारी जंग में हजारों लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लाखों लोगों के पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा.
यूक्रेन के दावा है कि अब इस युद्ध में रूस के 21,900 सैनिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई सीनियर रैंक के ऑफिसर भी शामिल हैं. वहीं, अब 884 रूसी टैंक और 154 हेलिकॉप्टर की तबाह हो चुके हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ पश्चिमी शक्तियों के प्रतिबंधों और बयानबाजी का असर नाकाफी दिख रहा और कई शहरों में रूसी सेना का नागरिक इमारतों का निशाना बनाना जारी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद दोनों देशों के वार्ताकारों ने पहले बेलारूस-यूक्रेन बॉर्डर पर, फिर तुर्की में और बाद में यूक्रेन की राजधानी कीव में बातचीत की.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 17 मार्च को कहा कि दोनों देश एक समझौते पर सहमत होने के करीब थे. कहा गया कि यूक्रेन स्वीडन और ऑस्ट्रिया की तरह ‘न्यूट्रल स्टेटस’ को स्वीकार करेगा.