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अमेजन, फ्लिपकार्ट ,ओला, उबर को लेकर कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स खोला मोर्चा, जानिये क्या है मांग

नई दिल्‍ली. अमेजन, फ्लिपकार्ट, ओला, उबर, जोमेटो और स्विगी आदि ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर अब कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने मोर्चा खोल दिया है. कैट की ओर से केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेजा गया है जिसमें कैट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 और उसके नियमों के स्पष्टीकरण की मांग की है. कैट की ओर से कहा गया है क‍ि इस धारा के अस्पष्ट होने से ई-कामर्स कम्पनियां जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट, ओला, उबर, जोमाटो सहित ऑनलाइन दवाई बेचने वाली कम्पनियां सभी तरह का गलत सामान बेचती हैं या अनेक प्रकार की ग़लत सेवाएं देती हैं और अपने पोर्टल पर बिक रहे सामान या दी जा रही सेवाओं पर कोई ज़िम्मेदारी न लेते हुए धारा 79 का सहारा लेती हैं. इस धारा से सुरक्षा लेकर ये कंपनियां किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच जाती हैं.Amazon Vs Flipkart And Uber Vs Ola. It's Not About Capital Dumping-It's  About Good And Bad Investments. - Inc42 Media

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा क‍ि आईटी ऐक्ट की धारा 79 में वे कम्पनियां जो विशुद्ध रूप से माल अथवा सेवाएं बेचने वाले या ख़रीदने वाले को मात्र ई-कामर्स प्लेटफार्म ही उपलब्ध करती हैं और जिसमें उनका किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है, को ही धारा 79 के अंतर्गत किसी भी क़ानूनी करवाई से बचने की सुरक्षा प्राप्त है जबकि उपरोक्त कम्पनियां जो भी व्यावसायिक काम करती हैं उसमें सीधे रूप से उनका हित और हस्तक्षेप होता है. इसलिए इस धारा का लाभ उनको नहीं मिल सकता है. यह एक सर्वविदित तथ्य है क‍ि ये सभी कम्पनियां हर तरह का ख़राब माल या सेवाएं देती हैं लेकिन कभी भी अपने पोर्टल के जरिए बेचे गए सामान या दी गई सेवाओं के लिए कभी भी ज़िम्मेदारी नहीं लेती हैं और धारा 79 के अंतर्गत अपने को केवल बिचोलिया कह कर अपना पल्ला झाड़ लेती हैं.

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा क‍ि उपरोक्त सभी कंपनियां व्यापारिक मध्यस्थ के रूप में काम कर रही हैं न कि डेटा / सूचना की मध्यस्थ और इसलिए आईटी अधिनियम की धारा 79 का लाभ इनको किसी भी सूरत में नहीं मिल सकता. दोनों ने कहा कि बिचौलिये वे संस्थाएं हैं जो दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाता या डीटीएच और केबल ऑपरेटर प्रसारण सामग्री या ओटीटी संचार सेवा प्रदाताओं जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम, स्काइप, जूम , वैबैक्स आदि को संचार चैनल के रूप में चलाते हैं जिसमें उपयोगकर्ता को अपनी इच्छा अनुसार कोई भी सामग्री भेजने का अधिकार है. पोर्टल किसी भी सामग्री को संग्रहीत या उसमें हस्तक्षेप नहीं करता है. ऐसी सामग्री को अस्थायी अवधि के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर संग्रहीत किया जाता है और जैसे ही प्राप्तकर्ता को वो मिल जाती है उसको हटा दिया जाता है. ऐसी कम्पनियों का कानूनी शोषण न हो, इसलिए इन कम्पनियों को धारा 79 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही से सुरक्षा मिल जाती है.फ्लिपकार्ट अमेजन की हो सकती है छुट्टी! इन वेबसाइट्स ने लोगों को बनाया  दीवाना, बेहद सस्ते में मिल रहा है सारा सामान | Flipkart Amazon may have a  holiday! These ...

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