बिहार में इस बार मैट्रिक के नतीजों में 79.88 प्रतिशत बच्चों ने सफलता हासिल की है. मैट्रिक की परीक्षा में औरंगाबाद की रामायणी राय टॉपर बनी हैं. दूसरे नम्बर पर नवादा की सानिया कुमारी और मधुबनी के विवेक कुमार ठाकुर रहे हैं. तीसरे स्थान पर औरंगाबाद की प्रज्ञा कुमारी रही हैं.
बिहार टॉपर रामायणी को 500 में 487, नवादा की सानिया और विवेक ठाकुर जो कि दूसरे स्थान पर हैं को 500 में 486 नंबर मिले हैं. टॉप 5 में पटना की एक छात्रा शामिल है, हांलाकि टॉप 3 में पटना के एक भी स्टूडेंट शामिल नहीं हैं. रिजल्ट की घोषणा शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने शाम के 3 बजे जारी किया. बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में कुल 12,86,971 परीक्षार्थी उतीर्ण हुए हैं. कुल उतीर्ण छात्रों की संख्या 6,78,110 और कुल उतीर्ण छात्राओं की संख्या 6,08,861 है. खास बात ये है कि टॉप 5 में 4 छात्राओं ने अपनी जगह बनाई है.
बिहार में मैट्रिक के नतीजों में टॉप 10 में कुल 47 स्टूडेंट शामिल हुए हैं. बिहार बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट परीक्षा से महज 34 दिनों बाद आया है. रिजल्ट जारी कर बीएसईबी ने देशभर में सबसे पहले रिजल्ट जारी करने का रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. रिजल्ट http://biharboardonline.bihar.gov.in , बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में लगभग 17 लाख छात्र शामिल हुए थे. बोर्ड द्वारा लगभग 85 लाख कॉपियों का मूल्यांकन किया गया था.
परीक्षा में राज्यभर से 16 लाख 48 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे. 10वीं की परीक्षा 24 फरवरी को संपन्न हुई थी. बिहार बोर्ड मैट्रिक (कक्षा 10वीं) परीक्षा की कॉपियों की जांच 5 मार्च से शुरू हुई थी. बिहार में मैट्रिक की परीक्षा के नतीजों की बात करें तो पिछले पांच सालों से रिजल्ट में काफी सुधार हुआ है. साल 2017 में 50.12 फीसदी, 2018 में 68.89 फीसदी, 2019 में 80.73 फीसदी, 2020 में 80.59 फीसदी और 2021 में 78.17 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए थे. मालूम हो कि बिहार सरकार मैट्रिक स्तर पर मेधा को प्रोत्साहित करने के लिए फर्स्ट टॉपर को एक लाख रुपए, लैपटॉप और किंडल ई बुक रीडर प्रदान करती है