रायपुर। देशभर में किसानों के हमदर्द बन रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके ही राज्य के किसान नाराज हैं। नवा रायपुर प्रभावित 27 गांवों के किसान 42 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे नाराज किसान अब दिल्ली में पत्रकारवार्ता लेकरपूरे देश को अपनी व्यथा सुनाने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही आंदोलनकारी किसान देशभर से बड़े किसान नेताओं को भी अपने आंदोलन से जोड़ने की तैयारी में हैं।
किसानों ने कहा विपक्ष में थे तो करते थे समर्थन
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा कि बघेल जब विपक्ष में थे, तब हमारा समर्थन करते हुए साथ खड़े होकर आंदोलन की अगवानी करते थे। कहते थे कि सरकार बनाने में सहयोग व समर्थन दें, सत्ता मिलने पर नवा रायपुर के साथ न्याय करेंगे। चंद्राकर ने कहा कि सरकार बने तीन साल से अधिक समय हो गया। किसानों की तरफ से बार-बार ज्ञापन, अनुनय-विनय पत्र प्रेषित किया गया, लेकिन भूपेश बघेल चुप्पी साधे बैठे हैं। किसान 42 दिनों से लगातार आंदोलनरत हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने चर्चा के नाम पर केवल बात की है, कार्यवाही कुछ नहीं हुई है
किसानों की टीम दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को देगी जानकारी
किसान नेताओं ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बघेल उत्तर प्रदेश समेत सभी चुनावी राज्यों में जाकर अपनी सरकार का गुणगान कर रहे हैं। बता रहे हैं कि उनकी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। चंद्राकर ने कहा कि उनके इस झूठ का राजफाश करने के लिए किसानों की एक टीम इसी महीने दिल्ली जाएगी। वहां कांग्रेस के आलाकमान से मुलाकात कर राज्य सरकार की तानाशाही, शोषणकारी व छलावा वाली नीति की जानकारी
देगी। साथ ही प्रेस क्लब दिल्ली में पत्रकारवार्ता लेकर अपनी बात रखेगी।
नवा रायपुर के किसानों की प्रमुख मांगें
किसान जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनके क्षेत्र को ग्राम पंचायत में ही रखा जाएग। नगर निगम बनाने के आदेश को निरस्त किया जाए। प्रभावित किसान परिवारों को सालाना 15 हजार रुपये दिया जा रहा था, जो तीन साल से नहीं मिला है। इस राशि का भुगतान तुरंत किया जाए। प्रभावित परिवारों को 1,200 वर्गफीट जमीन देने सहित नौ सूत्री मांगें हैं।