पंजाब में सिद्धू के बयानों के बाद सियासी गर्मी बढ़ गई है ,पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विकास के मुद्दों पर बहस करने के चैलेंज को लेकर ट्विटर पर आमने-सामने आ गए. दरअसल केजरीवाल ने कहा था कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के विकास के मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं तो पार्टी की ओर से भगवंत मान पंजाब के मुद्दों को लेकर उनसे बहस करने के लिए तैयार हैं. सिद्धू ने भी कुछ दिनों पहले केजरीवाल को बहस की चुनौती दी थी. जिसके बाद केजरीवाल ने कहा कि पार्टी की और से भगवंत मान सिद्धू के साथ बहस करेंगे. लेकिन अब नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पूरे मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है और उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बादल परिवार की कंपनियों से जुड़ी बसों को चलने की अनुमति केजरीवाल ने दी है और पंजाब का शराब माफिया भी दिल्ली में सक्रिय है. ऐसे में बहस भगवंत मान के साथ नहीं हो सकती खुद केजरीवाल को बहस के लिए आना होगा.
सिद्धू के इस बयान पर पंजाब में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू मुझसे मुद्दों पर बहस करने को लेकर आखिरकार भाग क्यूं रहे हैं.
इससे पहले सिद्धू ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ‘राजनीतिक पर्यटक’ करार दिया और कहा कि वह राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ‘झूठे’ वादों के साथ सामने आए हैं.
सिद्धू ने सुल्तानपुर लोधी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल को रोजगार के मुद्दे पर बहस करने की चुनौती दी और दावा किया कि उन्होंने दिल्ली में आठ लाख नौकरियों का वादा किया था लेकिन केवल 440 नौकरियां दीं. कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘पंजाब में कहीं भी (मेरे साथ) आओ और बैठो. मुझे दिल्ली में भी बुलाओ. आपके घर बैठेंगे, टीवी चैनल भी लाएंगे. अगर सिद्धू हार गया, तो (मैं) राजनीति छोड़ दूंगा.