झारखंड महागठबंधन में बड़ी उथलपुथल नजर आ रही है,सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों में इन दिनों सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में महागठबंधन के घटक दलों की बैठक आयोजित की गई थी. सत्तारूढ़ गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक दल कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने इस बैठक से दूरी बना ली. इससे प्रदेश सरकार को लेकर कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के तल्ख तेवर से ठंड के प्रकोप का सामना कर रहे झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है. कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर हेमंत सोरेन सरकार से नाराज है.
गुरुवार को एक तरफ सीएम हेमंत सोरेन की अगुआई में महागठबंधन के घटक दलों के विधायकों की बैठक हुई तो दूसरी तरफ हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायकों ने अलग से बैठक किया. महागठबंधन में शामिल दलों के विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर हुई थी. वहीं, कांग्रेस के विधायकों का जुटान पार्टी के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर हुई. मुख्यमंत्री आवास पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों की बैठक हुई. महागठबंधन के घटक दलों की बैठक विभिन्न मुद्दों को लेकर थी. इसमें सबसे खास विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के हमलों को बेअसर बनाने को लेकर रणनीति बनाने को लेकर विचार-विमर्श करना था.
कांग्रेस कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से नाराज
बताया जाता है कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार से कई मुद्दों को लेकर नाराज है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार में उनकी नहीं सुनी जाती है. उनकी बातों को तवज्जो ही नहीं दी जाती है. इसके अलावा झारखंड महागठबंधन के मुख्य घटक दल स्थानीय भाषा, ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण, जेपीएससी जैसे मुद्दों पर सरकार के रवैये से नाराज हैं. सरकार पर विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच कांग्रेस के विधायकों द्वारा अलग से बैठक करने से प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.