देश की सबसे पुरानी पार्टियों में शुमार कांग्रेस आज पूरी तरह डैमेज हो चुकी है ,कांग्रेस के किसी न किसी प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद ,कुछ ही दिनों बाद वह नेताओं का दूसरे पार्टियों में जाने का सिलसिला तेज हो जाता है, देश के तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में शामिल होने का सिलसिला कांग्रेस के नेताओं में काफी तेज है, इसको लेकर कांग्रेस की चिंताएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है
जिसे रोकने के लिए गुजरात कांग्रेस ने एक नई कमेटी बनाने का निर्णय लिया है,दरअसल गुजरात में निकाय चुनाव होने वाले हैं इसे देखते हुए पार्टी ने दल बदल की समस्या से निपटने के लिए एक डैमेज कंट्रोल कमेटी बनाई है,
किसी चुनाव के समय तो पार्टी के नेताओं के पलायन की रफ्तार और तेज हो जाती है। साथ ही पार्टी छोड़ रहे नेता यही आरोप लगा रहे होते हैं कि कांग्रेस में हमारी कोई नहीं सुनता है। कांग्रेस पिछले कुछ समय से दल-बदल की समस्या से परेशान है। गुजरात में तो पार्टी और भी कमजोर होती जा रही है। नेता पार्टी छोड़कर न जाएं, इसलिए कांग्रेस ने यह डैमेज कंट्रोल कमेटी बनाई है।
कांग्रेस के गुजरात के प्रभारी राजीव सातव ने कहा है कि ऐसे नेताओं को टिकट दिया जाएगा, जो पार्टी के प्रति वफादार होंगे। उन नेताओं को टिकट नहीं मिलेगी कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी में चले जाएंगे। बता दें, निकाय चुनाव की घोषणा के बाद ही झाड़ेश्वर के कांग्रेस नेता कौशिक पटेल अपने 300 समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा अंकलेश्वर में भी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए।
अभी हाल ही में भाजपा ने वडोदरा में मिशन 76 का नारा दिया है। भाजपा सभी 76 सीटें जीतने का दावा कर रही है। ऐसे में उसकी नजर कांग्रेस के कई नेताओं को अपने पाले में करने पर है। इसे देखते हुए पार्टी ने पहली बार डैमेज कंट्रोल कमेटी का गठन किया है। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस कमेटी में वडोदरा के शीर्ष नेताओं को शामिल कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी नेता नाराजगी की वजह से दल ना बदले।
वडोदरा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रशांत पटेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वे अपने कार्यकर्ता, नेता के बल पर नहीं जीत पा रहे हैं इसलिए कांग्रेस के पार्षदों को अपने पाले में लाना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाराजगी को वजह बताकर कोई नेता पार्टी न छोड़े, इसके लिए ही डैमेज कंट्रोल कमेटी बनाई गई है।