अक्सर फिजूल और विवादित बयान देकर चर्चा में रहने का शौक रखने वाली कंगना रनौत को सोशल मीडिया धमकी मिली तो कंगना ने FIR दर्ज कराई ,उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की अपनी तस्वीरों के साथ एक बार फिर देश में बैठे गद्दारों के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने एक लंबा नोट शेयर करते हुए लिखा, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग हो या आठवें दशक में पंजाब में गुरुओं की पावन भूमि को देश से काटकर खालिस्तान बनाने का सपना देखने वाले सभी विदेशों में बैठे हुए आतंकवादी हैं. उन्होंने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अपने पंजाब के मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लें.
लंबा पोस्ट लिख निकाली भड़ास
कंगना रनौत इंस्टाग्राम पर 4 तस्वीरों के साथ पोस्ट साझा की है. उन्होंने एक लंबा पोस्ट लिखकर एक बार फिर दो टूक कह दिया कि न डरी हूं, न डरूंगी, गद्दारों के खिलाफ खुलकर बोलती रहूंगी. कंगना ने अपनी पोस्ट में एक अपनी परिवार के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तस्वीर और 3 अन्य एफआईआर की कॉपी शेयर की है.
गद्दारों को कभी माफ नहीं करना, ना भूलना
उन्होंने लिखा- ‘मुंबई में हुए आतंकी हमले के शहीदों को याद करते हुए मैंने लिखा था कि गद्दारों को कभी माफ नहीं करना, ना ही भूलना. इस तरह की घटना में देश के अंदरूनी देशद्रोही गद्दारों का हाथ होता है. देशद्रोही गद्दारों ने कभी पैसे के लालच में तो कभी पद व सत्ता के लालच में भारत मां को कलंकित करने के लिए एक भी मौका नहीं छोड़ा, देश के अंदरूनी जयचंद और गद्दार षड्यंत्र रच देश विरोधी ताकतों को मदद करते रहे, तभी इस तरह की घटनाएं होती हैं.’
‘देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ बोलती रहूंगी’
कंगना ने आगे लिखा, ‘मेरे इसी पोस्ट पर मुझे विघटनकारी ताकतों की तरफ से निरंतर धमकियां मिल रही हैं. बठिंडा के एक भाई साहब ने तो मुझे खुलेआम जान से मारने की धमकी दी है. मैं इस तरह की गीदड़ भभकी या धमकियों से नहीं डरती. देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों और आतंकी ताकतों के खिलाफ बोलती हूं और हमेशा बोलती रहूंगी. वह चाहे बेगुनाह जवानों के हत्यारे नक्सलवादी हो, टुकड़े टुकड़े गैंग हो या आठवें दशक में पंजाब में गुरुओं की पावन भूमि को देश से काटकर खालिस्तान बनाने का सपना देखने वाले विदेशों में बैठे हुए आतंकवादी हो.’
लोकतंत्र हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत
उन्होंने आगे लिखा- ‘लोकतंत्र हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है, सरकार किसी भी पार्टी की हो, लेकिन देश की अखंडता, एकता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और विचारों की अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार हमें बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान ने दिया है. मैंने किसी भी जाति, मजहब, या समूह के बारे में कभी कोई अपमानजनक या नफरत फैलाने वाली बात नहीं की है.’